बिहार का चुनाव (Bihar ka chunav ) : 28 अक्‍टूबर,3 और 7 नवंबर को मतदान, 10 को आएगा बिहार चुनाव का परिणाम


Bihar ka chunav 


 बिहार का चुनाव :  तीन फेज में होगा मतदान, 10 नवंबर को आएगा चुनाव का परिणाम

बिहार का चुनाव 2020 Bihar ka chunav 2020  : बिहार के विधानसभा चुनाव 2020 के लिए आज शुक्रवार को चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है । बिहार में 243 सीटों पर तीन चरणों में चुनाव होगा और 10 नंवबर को बिहार चुनाव के मतों की गिनती के साथ चुनाव परिणाम की घोषणा की जाएगी । बिहार में चुनाव तीन चरणों में होगा और और बिहार की 243 सीटों के लिए बिहार के मतदाता 28 अक्‍टूबर,3 नंवबर और 7 नवंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग करके बिहार विधानसभ के लिए नई सरकार का चुनाव करेंगे । 

बिहार का चुनाव : 243 सीटों पर मतदान होगा, बहुमत के लिए 122 सीटें जीतना जरूरी

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के ऐलान के साथ ही राज्‍य में चुनाव आचार सहिंता लागू कर दी गई हैं । गौरतलब है कि बिहार में कुल 243 सीटें हैं जिन पर मतदान होना है और जो भी दल बिहार चुनाव में मतों की गिनती के बाद 122 या उससे अधिक सीटें जीत पाने में सफल होता है वह बहुमत के साथ बिहार में सरकार बना लेगा । वर्तमान में बिहार में जनता दल यू, भाजपा और लोजपा के सहयोग से बनीं एनडीए की सरकार चल रही है। बिहार में इस समय जनता दल यू नेता नीतीश कुमार बिहार की एनडीए सरकार के मुख्‍यमंत्री हैं । 

बिहार का चुनाव : तीन चरणों में होगा चुनाव, 28 अक्‍टूबर को पहला,3 और  7 नवंबर को होगा मतदान

चुनाव आयोग के अनुसार बिहार  विधानसभा के लिए तीन चरण में चुनाव होगा । 

पहला चरण : 28 अक्‍टूबर 

देश के मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त सुनीअरोड़ा के अनुसार चुनाव का पहले चरण के तहत 28 अक्‍टूबर बुधवार के दिन बिहार की जनता 71 सीटों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेगी । पहले चरण के लिए अधिसूचना की घोषणा 1 अक्‍टूबर को होगी और 8 अक्‍टूबर तक उम्‍मीदवार अपना नामांकन पत्र भर सकेंगे। स्‍क्रूटनी का काम  अक्‍टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा । उम्‍मीदवार 12 अक्‍टूबर तक का समय अपना नाम वापस ले सकते  । 

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दूसरा चरण :: 3 नंवबर को होगा 94 सीटों के लिए होगा मतदान 

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दूसरे चरण में 94 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा । चुनाव आयुक्‍त सुनील अरोड़ा के अनुसार दूसरे चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना 9 अक्‍टूबर को जारी कर दी जाएगी ।। 16 अक्‍टूबर तक उम्‍मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 17 अक्‍टूबर तक स्‍क्रूटनी का काम पूरा कर लिया जाएगा । ऐसे उम्‍मीदवार जो अपना नाम वापस लेना चाहते हैं उनके पास 19 अक्‍टूबर सोमवार तक का समय रहेगा । इस तरह से बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 के दूसरे चरण के तरह 94 सीटों के लिए बिहार की जनता 3 नवंबर को मतदान में अपने मतों का प्रयोग कर बिहार की नई सरकार चुनने के लिए आपना योगदान कर सकेंगी। 

बिहार विधानसभा चुनाव तीसरा चरण : 7 नवंबर को बिहार की 78 विधानसभा सीटों पर होगा मतदान

चुनाव आयुक्‍त सुनील अरोड़ा के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे चरण में बिहार की 78 विधानसभा सीटों के लिए बिहार की जनता 7 नंवबर शनिवार को अपने मतों का प्रयोग कर सकेगी । तीसरे चरण के लिए अधिसूचना 13 अक्‍टूबर को जारी कर दी जाएगी । 20 अक्‍टूबर तक उम्‍मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे और 21 अक्‍टूबर तक स्‍क्रूटनी का काम पूरा कर लिया जाएगा । 23 अक्‍टूबर तक अगर कोई उम्‍मीदवार चुनाव नहीं लड़ना चाहता है तो वह अपना नाम वापस ले सकता है । 

बिहार चुनाव का परिणाम 10 नवंबर को घोषित होगा 

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का चुनाव परिणाम 10 नवंबर मंगलवार को घोषित किया जाएगा । बिहार में होने वाला चुनाव  देश में कोराना काल में सबसे बड़ा चुनाव माना जा रहा है ।  बिहार सहित देश भर में कोराना का असर है और ऐसे समय में बिहार चुनाव 2020 के लिए बिहार की जनता 243 सीटों पर मतदान करेंगी जिसका चुनाव परिणाम दिवाली से 4 दिन पहले 10 नवंबर को घोषित किया जाएगा । गौरतलब है कि बिहार एक ऐसा स्‍टेट है जहां से सबसे अधिक माइग्रेशन होता है ऐसे में इस बार दिपावली के आस पास हो रहे चुनाव को देखते हुए प्रवासी बिहारी मतदाता भी बड़ी संख्‍या में बिहार आकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं । बिहार में छठ और दिपावली में बिहार के प्रवासी बड़ी संख्‍या में बिहार आते हैं और इस बार दीपावली 14 नवंबर को तथा छठ 20 नवंबर को है । 

बिहार में यूपीए (UPA) बनाम एनडीए (NDA) की जंग : एक तरफ नीतीश  और मोदी तो दूसरी तरफ तेजस्‍वी और राहुल 

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में किसकी सरकार बनेगी यह तो आने वाले 10 नवंबर को तय हो जाना । लेकिन लाख टके का सवाल इस बार भी सभी के मन में हैं कि क्‍या बिहार की राजनीति में ये चुनाव कोई बड़ा बदलाव लाएंगे ? या फिर एक बार फिर से बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए की सरकार बनाने में कामयाब हो जाएंगे । क्‍या लालू प्रसाद यादव के बिना तेजस्‍वी यादव युवा चेहरे के रूप में बिहार में अपने आपको स्‍थापित करने में सफल हो पाएंगे ? या एक बार फिर राजद को जनता नकार देगी ? क्‍या कांग्रेस बिहार में अपनी सीटों की संख्‍या बढ़ाते हुए बिहारी की राजनीति में दबदबा कायम कर पाने में सफल होगी यह भी एक बड़ा सवाल है । अभी इन सारे प्रश्‍नों पर कुछ भी कहना जल्‍दबाजी होगी,चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद किस गठबंधन के साथ कौन सा दल रहता है वह अपने आप में महत्‍वपूर्ण होगा । इस बात में कोई शक नहीं की जिस गठबंधन को जोड़ ज्‍यादा मजबूत होगा और जो जातिगत गणित और बेहतर छवि का उम्‍मीदवार देगा उसके अवसर बढ़ जाएंगे । हालांकि बिहार का चुनाव राजनीति दलों के मुख्‍य चेहरे  के आधार पर ही तय होते रहे हैं । 

अभी तक यह माना जाता रहा है कि बिहार में तीन पक्ष है और बिहार की राजनीति में जो गठबंधन का युग पिछले दो दशक से चल रहा है उसमें यह माना जाता रहा है कि जिस तरफ दो मजबूत पक्ष साथ आ जाते हैं वह चुनाव में जीत जाता है, जैसा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में हुआ था । तब बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव और नीतीश  कुमार एक तरफ थे और दूसरी तरफ भाजपा  ने कुछ अन्‍य छोटे दलों को साथ लेकर दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ा था । चुनाव में राजद और जदयू को बिहार की जनता ने जबरदस्‍त सर्मथन देकर विजयी बनाया था,ये अलग बात है कि बाद में नीतीश  कुमार की पार्टी जनता दल यू और राजद  के बीच मतभेद हुए और गठबंधन टूट गया । गठबंधन टूटने के बाद नीतीश  कुमार  ने जिस भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था उसी को साथ लेकर एक बार फिर सरकार बनाई और दोनों दलों को लोकसभा में शानदार सफलता मिली ।  

बिहार में जाति है कि जाति नहीं, और विकास कहीं दिखता नहीं

दरअसल बिहार की राजनीति में जाति और धर्म का बड़ा असर रहा है और पिछले 30 सालों में बिहार के चुनाव को इन दो फैक्‍टर ने बहुत प्रभावित किया है । बिहार विकास के मामलें में,युवाओं को नौकरी के अवसर के मामलें में और हेल्‍थ सेवाओं के मामलों में अन्‍य स्‍टेट से बहुत पीछे रहा है और लोगों में इन सब बातों को लेकर असंतोष भी खूब रहा है लेकिन चुनाव के समय ये सारी बातें उतनी प्रभावी नहीं बन पाती इसलिए सभी राजनीति दल जातिगत मतों को ध्‍यान में रखते हुए गठबंधन करते रहे हैं और उसी आधार पर उम्‍मीदवार भी उतारते रहे हैं। ऐसा लगता है की राजनेता जन्‍ता की  नब्‍ज तो पहचान लेते हैं लेकिन विकास कैसे किया जाए उस बात को कोई भी दल आज तक नहीं समझ पाया है ।  





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