Tokyo Olympics 2020 : चाइना की Ang Qian ने ओलंपिक का पहला गोल्‍ड जीता



Ang Qian

Tokyo Olympics 2020 : अर्थशास्‍त्र और प्रबंधन की छात्रा ने 20 साल की उम्र में चीन के लिए जीता ओलंपिक में पहला गोल्‍ड 

टोक्‍यो ओलंपिक 2020 का शुभारंभ हो चुका है और पहले दिन का गोल्‍ड मेडल चीन की खिलाड़ी Ang Qian ने अपने नाम किया है। 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में उन्‍होने यह गोल्‍ड मेडल जीतने में सफलता प्राप्‍त की है । 2000 में जन्‍मी Ang Qian 21 वीं सदी की पीढ़ी की सबसे बेहतरीन पहचान बन चुकी है और वह कह रही है मेरी कहानी आपको देखना और समझनी चाहिए कि आखिर हम 21 वीं सदी के बच्‍चे क्‍या कुछ चाहते हैं और हमारे सपने क्‍या है ? उनकी सफलता बता रही है कि वह ना केवल पढ़ाई में बेहतर है बल्कि खेलों की दुनिया में सही ट्रेनिंग मिलने के चलते आज वह अपने प्रिय खेल को खेलते हुए अपने चीन के लिए ओलंपिक का पहला गोल्‍ड मेडल जीतने में कामयाब रहीं है । 

देखा जाए तो चीन में 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग प्रतियोगिता चीन में एक पारपंररिक इवेंट रहा है लेकिन 20 साल की Ang Qian की सफलता बेहद खास है क्‍योंकि  2019 में उन्‍होंने चीन के नेशनल टीम के लिए खेलना शुरु किया था और अगले एक साल में उनका प्रदर्शन बेहद शानदार  रहा था । लेकिन उनकी सफलता केवल पिछले दो सालों के खेल और कड़ी ट्रेनिंग से नहीं आई बल्कि इसकी शुरुआत तो उनकी प्राथमिक शिक्षा के स्‍कूली जीवन में ही हो चुकी थी । 

सबसे खास Ang Qian खेलों के साथ अपनी पढ़ाई में भी बेहतरीन रही है और इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि Tsinghua University में वह अर्थशास्‍त्र और प्रबंधन की छात्रा है । आज जब वह गोल्‍ड मेडल का खिताब जीत रही है तो ना केवल पूरा चीन बल्कि Tsinghua University के लिए भी यह पल गर्व का है कि उनकी छात्रा टोक्‍यों ओलंपिक 2020 में गोल्‍ड जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई है । 

लेकिन इसकी शुरुआत तो उस वक्‍त हो गई थी जब वह  4th ग्रेड में थीं, तब  शूटिंग के प्रति उनकी ललक को देखकर उनको  निगबो प्रोविंशनल टीम (Ningbo Provincial Team)  का हिस्‍सा बनाया गया ताकि उनको ट्रेंड किया जा सके । आज जब वह ओलंपिक का पहला गोल्‍ड मेडल जीत रही है तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि उनके कोच मिंग टीचर यू लीहुआ (Yu Lihua! ) की खुशी का स्‍तर क्‍या होगा ? और खुश  होने वाली बात भी है क्‍योंकि Ang Qian की प्रतिभा को निखारने का काम उनकी कड़ी ट्रेनिंग की बदौलत ही हो पाया है और इस एक बात पर कोई भी गुरु गर्व महसूस करेगा ।  


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