गाजीपुर : एक छोटा सा शहर जहां covid -19 के 2690 मरीज, मास्‍क और दो गज की दूरी भूलती जनता और सोता प्रशासन

 


गाजीपुर : एक छोटा सा शहर जहां  covid -19 के 2690 मरीज

गाजीपुर एक छोटा सा शहर है लेकिन यहां पर covid -19 के 2699 मरीजों का इलाज चल रहा है । हर रोज यहां कम से कम 10 नए मरीज सामने आते हैं । अखबारों को देखता हूं तो कोराना से संबंधित खबरें मुख्‍य खबर के रूप में ना होकर बीच के पेज पर  कहीं दो कालम में ऐसे लगा दी जाती है मानों कोई बड़ी बात नहीं । लोगों को देखता हूं तो वह ऐसे जिंदगी जी रहे हैं मानों कोरोना खत्‍म हो गया है । मास्‍क और दो गज की दूरी बहुत छोटी बात है । सच तो यह है कि एक बड़ी आबादी को यहां कोराना का संक्रमण हुआ है लेकिन वह सरकारी डाटा में नजर नहीं आता क्‍योंकि आधे लोग जांच कराने नहीं जाते और सरकार का भी जांच का जो अंदाज है उसे देखकर लगता है कि डाटा छुपाने में प्रशासन माहिर हो चला है । 

नेताओ के बयान , राजनीति से जुड़ी खबरों को अखबार छापने में जिस तरह से रूची दिखाते है वैसा कुछ कोरोना से संबंधित खबरों के लिए नहीं है, जिस तरह से यूपी की सरकार चल रही है उसी तरह से हिन्‍दी के अखबार भी चल रहे है,पूरा अमन चैन है, बस कोराना धीरे-धीरे फैल रहा है । 

यूपी में राजनीति और समाज दोनो पहले ही मरा हुआ नजर आता है इन लोगों का कोराना क्‍या कुछ बिगाड़ लेगा ? यूपी के लोगों की जो सोच का धरातल है उसमें बदलाव होता हुआ नजर नहीं आता और ना यह बदलने वाला है । धर्म,जाति के नाम पर हमला होता है तो सब जाग जाते हैं, मार काट के लिए तैयार हो जाते हैं लेकिन कोरोना के हमले से इनको डर नहीं लगता । 

यूपी में चाहे सरकारी अधिकरी हो या आम आदमी 40 फीसदी ऐसे है जो तीन तिकड़म से पैसा कमाने में लगे हुए हैं, छोटे शहरों के पत्रकारों के बारे में भी ऐसा ही लगता है । बहुत सी खबरें जो होनी चाहिए वह अखबार में होती नहीं, कुछ नजर भी आती हैं तो उसे ऐसे लगाया जाता है मानो किसी पर उपकार  किया जा रहा है ।  

कोराना संक्रमण से यहां अब तक 77 लोगों की मौत 

सरकारी डाटा के अनुसार कोराना संक्रमण से यहां अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है । प्रशासन का दावा है कि गाजीपुर में पिछले 9 माह में दो लाख नौ हजार 371 मरीजों की जांच की गई जिसमें 4964 लोग संक्रमित पाए गए हैं ।  जब दो लाख पर कोरोना के संकमण की दर यह है तो गाजीपुर की 40 लाख जनता में इस सरकारी डाटा के अनुसार कितने लोगों को कोराना हुआ होगा अंदाजा लगाया जा सकता है । 

कोरोना संक्रमण का खतरा हर गांव तक बढ़ने की संभावना 

अगले कुछ माह में यूपी में पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ जाने से कोरोना संक्रमण का खतरा हर गांव तक बढ़ने की संभावना है, कायदे से होना तो यह चाहिए कि पंचायत चुनाव को जून तक टाला जाए और कोरोना के टीकाकरण पर फोकस सरकार करें और जब 40 फीसदी जनता को कोविड से संबंधित टीका लग जाए उसके बाद पंचायत चुनाव कराया जाए, लेकिन ना तो यूपी सरकार इस बात पर मंथन कर रही है ना ही विपक्ष । 

जिस तरह से आम आदमी पार्टी और बसपा ने  पंचायत चुनाव में पार्टी सिंबंल पर चुनाव में जाने की बात कही है उसके बाद तो यह चुनाव बड़ा होने जा रहा है, क्‍योंकि ऐसा अन्‍य दल भी करेंगे । तो एक बड़़े चुनावी समर के लिए यूपी की जनता तैयारी करेगी, ऐसे में कोरोना के सक्रमण की दर यूपी में तेजी से बढ़ना तय है, भले ही आप कुछ लोगों को तब तक टीका लगा चुके हो या नहीं । जब जनता ही लापरवाही करें तो सरकार को तोहमत देने का क्‍या फायदा ? यूपी सरकार ने कोरोना के शुरुआती माह में तत्‍परता जरूर दिखाई थी उसका फायदा भी हुआ था लेकिन उसके जून माह के बाद यूपी के  प्रशासन की पूरी चाल बदल गई । यूपी में सरकार को जनता और मीडिया दोनो का डर खत्‍म हो गया है और जनता के मन से कोरोना का डर खत्‍म हो गया है । 

- Rajesh Yadav 

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