जेम्स बॉन्ड 007 के दमदार रोल के लिए चचर्ति अभिनेता Sean Connery का निधन


Sean Connery (James Bond 007)

सिनेमा की दुनिया के पहले ओरिजनल James Bond 007,  sean connery का 90 साल की उम्र में निधन 

Blog post on former james bond sean connery by Rajesh Yadav

 james bond 007actor sean connery Passes away  :  जेम्स बॉन्ड 007 सीरीज की फिल्‍मों में अपने दमदार रोल के चलते दुनिया भर में लाखों सिनेमा प्रेमियों के दिल पर राज करने वाले स्‍कॉटिश अभिनेता सर थॉमस सीन  कॉनरी का आज 90 साल की उम्र में निधन हो गया हैं । बीबीसी न्‍यूज रिपोर्ट (BBC News) के अनुसार पूर्व जेम्स बॉन्ड अभिनेता सर थॉमस सीन कॉनरी का निधन 90 साल की उम्र में हो गया हैं।

वह सिनेमा की बिग स्‍क्रीन पर जेम्स बॉन्ड 007 सीरीज की फिल्‍म में काम करने वाले पहले कलाकार थे,उन्‍होंने 1962 में आई DR. NO में जेम्‍स बांड 007 का किरदार निभाया था । इसके अलावा उन्‍होने फ्राम रशिया विद लव (from Russia with love), 'गोल्‍डफिंगर' (goldfinger) ,'थंडरबॉल' (thunderball), 'यू ओनली लिव लाईस' (you onley live)  twice Diamonds are forever follwed जैसी फिल्‍मों में भी दमदार अंदाज में अभिनय करते हुए बिग स्‍क्रीन पर छा गए । 

जेम्स बॉन्ड सीरीज की सात बड़ी फिल्‍मों में वे 1962 से 1983 के बीच नजर आए और जेम्स बॉन्ड 007 (James Bond 007) के किरदार में वह बॉक्‍स ऑफिस की दुनिया पर छा गए, दमदार आवाज,गजब का स्‍टाइल और लाजवाब कर देने वाला अभिनय सिनेमा प्रेमियों के दिल पर छा गया है और James Bond 007 की फिल्‍मों ने सर थॉमस कॉनरी को कालजयी अभिनेता बना दिया है । 

 सर सीन कॉनेरी की वो फिल्‍में जिन्‍होने उनको एक खास पहचान दी 

साल 1962 उनकी जिंदगी का यह एक बेहद महत्‍वपूर्ण साल था क्‍योंकि इस साल उनके अभिनय से सजीं जेम्स बॉन्ड सीरीज की पहली फिलम 'डॉक्‍टर नो' (DR. NO) रिलीज हुई थी । 

1963 : में उनकी फिल्‍म फ्राम रशिया विद लव रिलीज हुई ।
1964 : 'गोल्‍डफिंगर'
1965 : 'थंडरबॉल'
1966 : 'यू ओनली लिव लाईस'
1971 डायमंड़स ऑर फारएवर
1983 नेवर से नेवर अगेन 

1987 में 'द अनटचेबल्‍स' '(The Untouchables') का आना और ऑस्‍कर जितना 

1987 उनके अभिनय जीवन के लिए एक और बड़ा मुकाम लेकर आया,यही वह साल था जब सीन कॉनेरी ब्रायन डे पाल्‍मा की फिल्‍म 'द अनटचेबल्‍स' ( The Untouchables ) में एक आयरिश पुलिस अधिकारी की भूमिका में नजर आए और उनके इस अभिनय के लिए उन्‍होंने सहायक अभिनेता का ऑस्‍कर अवार्ड जीता । इसके अलावा वे तीन गोल्‍डन ग्‍लोब और दो Bafta अवार्ड भी जीतने में सफल रहे । 

ये वो सात फिल्‍में थी जिनमें वो जेम्स बॉन्ड के सिक्रेट एजेंट की अवतार की भूमिका में नजर आए और जबरदस्‍त पसंद किए गए । एक प्रकार से देखा जाए तो 70 का दशक उनके फिल्‍मी जीवन का शुरुआती साल सबसे सफल और शानदार रहे । उसी तरह 90 के दशक में शीन कॉनरी ने  'द हंट फॉर रेड अक्‍टूबर' 'द रूस हाउस' 'द रॉक' और 'द एनट्रैप' जैसी बेहतरीन बॉक्‍स ऑफिस पर हिट रहने वाली फिल्‍में देकर सिनेमा की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम पा लिया है । 2006 में उनको उनकी शानदार फिल्‍मों के लिए लाइफ अचीवमेंट अवार्ड दिया गया ।

गरीबी को बहुत करीब से देखा लेकिन अभिनय ने James Bond 007 का महानायक बना दिया 

James Bond 007 सीरीज में छा जाने वाले सर थॉमस शॉन कॉनर की जिदंगी में एक वह भी समय था जब वह एडिनबर्ग में गरीब स्‍लम इलाके में अपना बचपन गुजारते हुए बडे हो रहे थे । सिनेमा के बॉक्‍स ऑफिस पर भले ही उन्‍होंने दमदार और हैरतअंगेज किरदार जिए लेकिन उन्‍होंने अपनी रियल जिंदगी में उससे भी ज्‍यादा संघर्ष वाले किरदार जिए । गरीबी में बचपन बीता और एक समय उन्‍होने उन्‍होंने एक ताबूत पालिश करनेवाला (coffin polisher), मिल्‍कमैन, लाइफगार्ड तक की नौकरी की । लेकिन विधाता ने भी उनकी लिए एक ऐसी पटकथा लिखी थी जिसमें उनको चमकना ही था, गरीबी में बचपन जी रहे इस महान कलाकार को ईश्‍वर ने बॉडी बिल्डिंग की तरफ रुची रखने वाला एक इंसान बनया, जो उनका सबसे प्रिय शौक था । और यही वह एक ऐसा शौक था जिसके दम पर वह एक कलाकार के रूप में अपने आपको  स्‍थापित करने में भी सफल हो पाए । उन्‍होंने अपने एक साक्षात्‍कार में यह कहा भी था कि बचपन में वह बिना किसी करियर की सोच के साथ जीवन में आगे बढ़ रहे थे, अभिनय के जीवन के बारें में तो सोचा ही नहीं था,यह वास्‍तव में एक ऐसी बात थी जो धीरे से जिंदगी में घटित हो गई 1 


बॉडी बिल्डिंग के शौक से सिनेमा के सफर तक आना और जेम्स बॉन्ड बनकर छाना 

वो कहते हैं ना जब ईश्‍वर आपको कठिन समय देता है तो वह आपके लिए कुछ अच्‍छा सोचकर रखता है । जिंदगी के कमजोर डॉट जब एक होकर मिलते हैं तो वहां से जीवन निखरने लगता है ऐसा ही कुछ James Bond 007 के सीरीज के लिए चर्चित महानायक के साथ भी हुआ । सिनेमा की दुनिया के सभी एक्‍सपर्ट और उनकी जिंदगी को पास से देखने वालों का मानना है कि उनका बॉडी बिल्डिंग को लेकर जो जुनून था उसने ही उनको एक महान कलाकर बनने में काफी मदद की क्‍योंकि इसकी मदद से ही वह अपना अभिनय का करियर लांच कर पाने में सफल हो सके और सिनेमा की दुनिया में बडें सितारों में से एक बनने में कामयाब रहे । 

लेकिन सर थॉमस सीन कॉनरी की जिंदगी की कहानी में कई मो़ड़ है,उनके फिल्‍मी सफर पर बात करने से पहले आपका थोड़ा उनके शुरुआती जिदगी के बारें में कुछ और बाते शेयर करना जरूरी हैं अपने अभिनय से जेम्स बॉन्ड 007 सीरीज को एक ब्रांड बना देने वाले इस महान स्‍टॉकिश अभिनेता का जन्‍म स्‍कॉटलैंड के इडिनबर्ग के फाउंटेनब्रिज के एक कैथोलिक परिवार में उनका जन्‍म हुआ था। उनके पिता एक ट्रक ड्राइवर थेे और मां एक क्‍लीनर के रूप में नौकरी करती थी। दो भाईयों में वह बडें थे और शुरुआत की जिंदगी में उनको भी अपने माता पिता की तरह जिंदगी जीने के लिए कई काम करने पड़े । उनका बचपन जिस तरह का था और जिस संघर्ष को वो जी रहे थे उसके अभिनय की दुनिया की तरफ आने के बारे में वह सोचते तक नहीं थे लेकिन ऐसा हुआ, और ऐसा बॉडी बिल्डिंग  के उनकी हॉबी के चलते ऐसा हुआ । 

वह 13 साल की उम्र में स्‍कूल ड्राप आउट छात्र थे और इसके बाद उन्‍होंने कई नौकरी की यहां तक की दूसरा विश्‍व युद्व खत्‍म हो जाने के बाद उन्‍होने रॉयल नैवी में भी 3 साल तक अपनी सेवाएं दी थी । लेकिन विधाता को तो कुछ और मंजूर था और उसकी पटकथा के अनुसार थॉमस सीन कॉनरी को बॉक्‍स ऑफिस की बड़े परदे पर चमकना था । जी हां ताबूत पालिश करनेवाला, और मिल्‍कमैन के रूप में काम करने वाला एक गरीब लड़का सिनेमा की दुनिया में छा गया जहां उसके हिस्‍से जेम्स बॉन्ड  007 सीरीज की वह फिल्‍में आई जिसमें शानदार बेहतरीन भव्‍य लोकेशन, गजब के मंत्रमुग्‍ध कर देने वाले एंबीएंस और बेहतरीन कहानी कहती फिल्‍म की पटकथा, और बेहद रोचक चरित्र और जासूसी का  एक जबरदस्‍त संसार था जिसमें थॉमस कॉनरी ने अपने अभिनय के दम से ऐसी जान डाल दी की दुनिया उनकी स्‍टाइल की दीवानी हो गई ।  

1950 में मिस्‍टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में तीसरे स्‍थान पर आना 

रॉयल नेवी की नौकरी करते हुए उनको अल्‍सर का होना और फिर उस नौकरी को छोड़ना जैसे जीवन की पटकथा का एक हिस्‍सा हो । नौकरी छोड़ने के बॉडी बिल्डिंग के शौक को आजमाया और इसमे रग गए । कमाल की बात देखिए 1950 में वह मिस्‍टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में भाग लेते हैं और वे इसमें तीसरे स्‍थान पर आते हैं । सीन कॉनरी   की जिंदगी में सह एक ऐसा साल था जो बड़ा बदलाव लेकर आया था और अब उनके बारे में बाते की जाने लगी थी और यहां से उनकी दुनिया बदल रही थी । 

सर सीन कॉनरी  ने 2003 में आई फिल्‍म द लीग ऑफ एकस्‍ट्रा ऑडिनरी (The League of Extraordinary Gentlemen ) में काम किया था और उसके बाद उन्‍होंने फिल्‍मों से सन्‍यास का ऐलान कर दिया था । हालांकि 2012 में आई एक एनिमेशन फिल्‍म Sir Billi The Vet के एक एनिमेशन चरित्र के लिए उन्‍होने अपनी आवाज भी दी थी । 

सर शॉन कॉनरी के निधन से सिनेमा जगत में एक शॉक की लहर है और हर कोई दु:खी है और अपने इस महान कलाकार को याद कर रहा है । 

                                                         Sean Connery last film.

सीन कॉनरी  हॉलीवुड फिल्‍मों के ऐसे सुपर स्‍टार कलाकार थे जिन्‍होंने जेम्‍स बॉन्‍ड सीरीज की सात प्रमुख फिल्‍मों में अभिनय किया और अपनी स्‍टाइल और आर्कषित कर देने वाले अभिनय से बिग स्‍क्रीन पर छा गए । जब वह अपने नाम का परिचय सिनेमा के बड़े परदे पर देते थे तो यह उनका अपना एक स्‍टाइल बन गया । '' The Name's Bond ...james bond '' यही उनकी पहचान थी और सिनेमा के दुनिया के वह पहले ओरिजनल जेम्स बॉन्ड थे और सदा रहेंगे।  

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