हिन्‍दी हिंदू और हिंदुस्‍तान : हिंदी दिवस पर गूगल पर HINDI में सर्च होती हिन्‍दी

                                                                      

हिन्‍दी (Hindi ) हिंदू और हिंदुस्‍तान : हिन्‍दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 

hindi diwas 2020 : आज हिन्‍दी दिवस है इसलिए सबसे पहले तो आप सभी को हिन्‍दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । यूं तो भारत में उत्‍तर से लेकर दक्षिण तक कई भाषाएं बोली जाती है और सबका अपना एक इतिहास और सांस्‍कृतिक विरासत है,लेकिन हिन्‍दी की लोकप्रियता देखने हुए यह आप जन की भाषा बन गई है। हिन्‍दी बहुत ही सरल भाषा होने के चलते भारत ही नहीं विश्‍व के कई देशों में इसका विस्‍तार हुआ है ।  आज हिन्‍दी दिवस है आप में से बहुत से लोग यह भी जानना चाहते होंगे कि आखिर किस तिथि को हिन्‍दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया ? तो इस सवाल का जवाब है कि संविधान सभा ने हिन्‍दी के महत्‍व को देखते हुए 14 सितंबर,1949 को हिन्‍दी को संघ की राजभाषा के रूप में मान्‍यता प्रदान की एवं भारत के संविधान में व राजभाषा अधिनियम में इस संबध मे समुचित प्रावधान किए गए। आज 14 सितंबर को हम अपनी मातृ भाषा हिन्‍दी के लिए हिन्‍दी दिवस हर साल मनाते हैं । हिन्‍दी के विस्‍तार में उसके साहित्‍य,आमजनों से उसके जुड़ाव, बॉलीवुड फिल्‍मों के साथ ही इंटरनेट का भी हिन्‍दी को अधिक लोगों तक पहुंचाने में अपना योगदान दिया है । इसके साथ ही ग्‍लोबल विलेज में जिस तरह से एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर बड़ी संख्‍या में भारतीय लोगों का जाना और दूसरे देश के लोगों का भारत आना दो ऐसी बातें हुई है जिससे हिन्‍दी के फलक को विस्‍तार मिला है । इंटरनेट की जो डिजिटल क्रांति 21 वीं सदी में हुई है उसने वास्‍ताव में हिन्‍दी को एक बड़ा ग्‍लोबल पाठक संख्‍या दी है और अब यह बाजार की भाषा भी बन रही हैं। 

hindi diwas 2020 :   हिंदी दिवस पर गूगल पर हिन्‍दी में सर्च होती HINDI  

आज हम हिन्‍दी दिवस मना रहे हैं लोग हिन्‍दी दिवस पर एक दूसरे को शुभकामनाएं भी दे रहे हैं । हिन्‍दी पर  ( (whatsapp status ) भी खूब उपयोग किया जा रहा है और हिन्‍दी से जुड़े प्रेरक वाक्‍य भी सोशल मीडिया के विभिन्‍न मंच पर शेयर किए जा रहे हैं। लेकिन गूगल ट्रेंड का जब आज अघ्‍ययन किया तो पता चला कि आज इंटरनेट पर हिन्‍दी सबसे अधिक अपने रोमन रूप Hindi की वर्ड के साथ सर्च हुई हैं और उसके मुकाबले हिन्‍दी शब्‍द का की वर्ड काफी कमजोर नजर आता है। अब सवाल उठता है ऐसा क्‍यों हो रहा है क्‍या हमनें अंग्रेजी का इतना अधिक अंग्रेजीकरण कर दिया है कि एक नई जनरेशन हिन्‍दी दिवस पर शुभकामनाएं संदेश और हिन्‍दी से जुड़ी अन्‍य बातें जानने के लिए हिन्‍दी के लिए अंग्रेजी शब्‍द hindi का प्रयोग करने लगे हैं या बात कुछ और है। इस पर पूरी चर्चा अपने अगले लेख में करुगां लेकिन आपको यह जानना रोचक होगा कि हिन्‍दी के लिए  जिन लोगों ने Hindi की वर्ड का सहारा लिया है उन्‍होंने सबसे अधिक Hindi ,hindi Meaning , meaning in Hindi , hindi diwas 2020 images,  hindi diwas images , hindi diwas ki shubhkamnaye अंगेजी की वर्ड में खोजने का प्रयास किया है। कुछ ऐसे यूजर भी है जो यह जानना चाहते हैं कि आखिर अंतराष्‍ट्रीय हिन्‍दी दिवस कब मनाया जाता है। हरियाणा बिहार, उत्‍तरप्रद्रेश और दिल्‍ली जैसे प्रदेश के लोगों ने हिन्‍दी दिवस की शुभकामनाएं हिन्‍दी में खोजने के लिए अंग्रेजी की वर्ड का प्रयोग करते हुए गूगल पर hindi diwas ki hardik shubhkamnaye in hindi की वर्ड का प्रयोग किया है। hindi diwas 2020 quotes खोजने वालों की संख्‍या भी अच्‍छी खासी हैं । लोगों का यह सर्च टर्म उपयोग करना यह तो बताता है कि वह हिन्‍दी से प्‍यार करते हैं और एक दूसरे को हिन्‍दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देना भी चाहते हैं। लेकिन दूसरी तरफ यह बताता है कि अंग्रेजी हमारे मानस पटल पर छाई हुई है और इंटरनेट पर हिन्‍दी के लिए  अंग्रेजी की वर्ड भी आसानी से सर्च किया जा सकता हैं।  कुछ लोग हो सकता है मोबाइल पर हिन्‍दी सही से टाइप ना कर पाते हो इसलिए भी हिन्‍दी के लिए hindi की वर्ड का उपयोग करते हो। 

Hindi Meaning : आखिर भाषा क्‍या है ? हिन्‍दी का देव भाषा संस्‍कृत से संबंध 

हिन्‍दी देश की राजभाष और वाणी की अभिव्‍यक्ति से लिपि में आने के बाद अपनी रचनाओं और अतीत के शानदार इतिहास के चलते आम जन की भाषा बन गई है । सबसे पहले तो सवाल तो यह है कि आखिर भाषा क्‍या है ? तो आपको यह जानना रुचिकर लगेगा कि भाषा शब्‍द का निमार्ण संस्‍कृत की भाष् धातु से हुआ, जिसका अर्थ है वाणी की अभिवयक्ति । 'भाष् व्‍यक्‍तायां  वाचि' अर्थात मनुष्‍य की व्‍यक्‍त वाणी ही भाषा है । कई लोग पूछते हैं कि बेहतर हिन्‍दी कैसे लिखी जाए तो उसका सीधा जवाब यह है कि आप जैसा बोलते हैं वैसा ही लिखने का प्रयास करें,अच्‍छा बोलना आ गया तो भाषा की लिपि भी बेहतर हो जाएगी । क्रोचे के शब्‍दों में कहूं तो 'भाषा सीमित और व्‍यक्‍त घ्‍वनियों का नाम है,जिन्‍हें हम अभिव्‍यथ्कित के लिए संगठित करते हैं ।' जब ध्‍वनि का जिक्र आया है तो यह जानना भी आपके लिए रोचक होगा कि हिन्‍दी देव भाषा सस्‍कृत से निकली है । संस्‍कृत को संस्‍कार की भाषा भी कहा जाता है और किसी भी भाषा के ज्ञान के लिए व्‍याकरण की रचना को समझना बहुत जरूरी होता हैं।

हिन्‍दी भाषा ( Hindi bhasha ), ध्‍वनि और लिपि और संस्‍कृत का महेश्‍वर सूत्र 

एक उदाहरण के लिए यह जानना आपके लिए रोचक होगा कि भगवान शिव जिनको महेश्‍वर भी कहा जाता है और संस्‍कत भाषा में जो 'महेश्‍वर सूत्र' आया वह भगवान शिव के द्ववारा 14 बार डमरू बजाने से उत्‍तपन्‍न हुई ध्‍वनि से तपस्‍यारत महर्षि पाणिनि के मानस में सभी ध्‍वनियां सूत्र के रूप में प्रकट हुई। जिसके बाद पाणिनि ने प्रत्‍याहार की रचना कर 14 सूत्र प्राप्‍त किए। आप में से कई पाठक यह जानना चाहते होंगे कि आखिर महेश्‍वर शिव भगवान ने ऐसा क्‍यों और कहां किया था ? दरअसल प्रयागराज में संगत तट पर 'अक्षयवट' के नीचे सनकादिक ऋणियों को प्रसन्‍न करने के लिए महादेव महेश्‍वर भगवान शिव ने नृत्‍य किया था और अपने नृत्‍य के अंत में उन्‍होंने अपने डमरू को 14 बार बजाया था जिससे ध्‍वनि निकली थी, जिसके आधार पर संस्‍कत के 14 प्रमुख सूत्रों की रचना हुई । यह महत्‍वपूर्ण इस इसलिए है क्‍योंकि हिन्‍दी भाषा की बात करते समय संस्‍कृत  भाषा की बात करना भी जरूरी है क्‍योंकि इन दोनों में मां-बेटी की तरह का संबंध है। ध्‍वनियां जो वाणी से निकलती है वह आकाश में विलुप्‍त हो जाती हैं क्‍योंकि उनका स्‍थायित्‍व नहीं होता लेकिन जब यहीं ध्‍वनि लिपि के रूप में भाषा का रूप ले लेती है तो वह  लिखित रूप में हमारे सामने आ जाती है। जैसी हिन्‍दी हमारी एक राज भाषा है और इसकी लिपि 'देवनागरी लिपि' कहलाती है। 

हिन्‍दी भाषा : शब्‍दों के सागर में ऐसे चुने हिन्‍दी ने अपने शब्‍द 

हमारे प्राचीनतम ग्रंथ संस्‍कृत भाषा में ही लिखे गए है जिसमें वेद सबसे प्रमुख है । हिन्‍दी और अन्‍य भारतीय भाषाएं भी संस्‍कृत से ही निकली है,अब देखिए अगर आप संस्‍कृत में 'मात्' कहते हो उसी को हिन्‍दी में 'माता' या मां शब्‍द का उपयोग करते हो और इसी बात को मलयालम में 'अम्‍मा' कहकर पुकारा जाता है। हिन्‍दी में कई जगहों पर 'अम्‍मा' शब्‍द का प्रयोग भी बहुत सहज भाव से होता है । हिन्‍दी की यही सबसे खास बात है कि इसमे कई अन्‍य भाषाओं से भी शब्‍द धीरे- धीरे उपयोग में आने के बाद समाहित कर लिए गए है और आज उनकी पहचान हिन्‍दी के रूप में हैं । जैसे यूरोप के व्‍यापारियों ने जब भारत में बना सूती कपड़ा देखा तो उनको बहुत पंसद आया ,मोसूल शहर में जब उन्‍होंने इसे पहली बार देखा तो उसे 'मस्लिन' (मलमल) कहकर पुकारा। और देखते ही देखते यह शब्‍द खूब प्रच‍लित हो गया। जहां तक हिन्‍दी शब्‍द के नामकरण की बात है तो 'हिन्‍दी','हिन्‍दू' ओर 'हिन्‍दुस्‍तान' ये शब्‍द फारसी भाषा के शब्‍द है। 13 वीं शताब्‍दी के शुरुआत में फारसी कवि 'औफी' ने सबसे पहले 'हिन्‍दवी' शब्‍द का प्रयोग किया था ।  मलिक मोहम्‍मद 'जायसी' ने भी 'हिन्‍दवी' शब्‍द का प्रयोग किया। 17 वीं सदी में मुसलमान कवियों ने भी 'हिन्‍दवी' और हिन्‍दी शब्‍द का प्रयोग किया। 18 वीं सदी में जब भारत में अंग्रेज आए और उनका दबदबा बढ़ा तो उन्‍होंने हिन्‍दी को हिंदुस्‍तानी कहना शुरु कर दिया। लेकिन बाद में आम जन मानस ने हिन्‍दी शब्‍द को स्‍वीकार किया । आजादी के बाद भारत का संविधान बनने के बाद हिन्‍दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दे दिया गया। 

हिन्‍दी (Hindi ) में लगभग दो लाख शब्‍द, संस्‍कृत प्राथमिक स्रोत, फारसी भाषा का भी व्‍यापक प्रभाव पड़ा 

हिन्‍दी के शब्‍दों के सागर की बात करें तो इसमें लगभग 2 लाख शब्‍द हिन्‍दी के ज्ञानी लोग मानते हैं और उनका मानना है कि इसमें से 85 फीसदी शब्‍द भारतीय भाषाओं से ही आए और 15 फीसदी शब्‍द अन्‍य विदेशी भाषाओं से आए । हिन्‍दी में विदेशी शब्‍दों की संख्‍या की बात की जाए तो फारसी शब्‍दों की संख्‍या अधिक है । हालांकि हिन्‍दी ने  फारसी  शब्‍दों को थोड़ा बदलकर अपनाया है, जैसे 'दुर्को' से 'आईन' से आइना और 'कमीन' से कमीना । अंग्रेज,कूपन और कारतूस शब्‍द फ्रेंच भाषा से लिए गए है । चाय और लीची जैसे शब्‍द चीनी भाषा से लिए गए है । औरत,अमीर और ऐतराज और इलाज जैसे अक्‍सर उपयोग आने वाले शब्‍द 'अरबी' भाषा से हिन्‍दी में समाहित हो गए है । 'उपन्‍यास'  और 'गल्‍प' शब्‍द बंगला भाषा से तो बेगम, सुराग ,सौगात , तोप,तलाश तुर्की भाषा से आए हैं। इसी तरह से जो शब्‍द संस्‍कृत  से ज्‍यों का त्‍यों उपयोग कर लिए गए उसे तद्भव  शब्‍द की श्रेणी में रखा गया जैसे पुष्‍प,अग्नि ,हस्‍त, और मुख । 

हिन्‍दी का विकास और ग्‍लोबल विलेज मे डिजिटल क्रांति 

लेकिन इंटरनेट पर इसकी लोकप्रियता ने इसे बाजार की भाषा भी बना दिया है और अगर आप हिन्‍दी भाषा में दक्ष है, साथ ही कुछ अन्‍य गुणों को अपनी जिंदगी में लाने में सक्षम है, जो डिजिटल दुनिया के लिए जरूरी है, तो आप हिन्‍दी के दम पर बेहतर नौकरी भी पा सकते है और अपना जीवन बेहतर बना सकते हैं । आज इंटरनेट पर गूगल (GOOGLE) ,अमेजॉन  और अन्‍य कई दिग्‍गज कंपनिया हिन्‍दी भाषा सहित अन्‍य भारतीय भाषाओ की ताकत को समझ गई है । ये कंपनियां अपने प्रोडक्‍ट को स्‍थानिय और लोकल भाषा में देने के लिए पूरा प्रयास कर रही है । अगर आप हिन्‍दी और अंग्रेजी में दक्ष है तो बहुत आसानी से इन कंपनियों के साथ जुड़कर पैसा कमा सकते हैं । रोजगार और बाजार की बात करें तो हिन्‍दी अब बाजार की भाषा बन रही है, GOOGLE  और YOutube और फेसबुक जैसे डिजिटल मंच पर हिन्‍दी और अन्‍य कुछ प्रमुख भाषाओं का उपयोग करके आप न केवल अपना बिजनेस बेहतर चला सकते हैं बल्कि अच्‍छा खास पैसा भी अपने डिजिटल कंटेट से कमा सकते हैं । हालांकि अभी भी अंग्रेजी भाषा में लिखा गया कंटेट लोगों को ज्‍यादा कमाई देता है क्‍योंकि वह उस वर्ग से संबंधित रखती है जो आर्थिक रूप से मजबूत है और बाजार अपने उत्‍पाद ऐसे लोगों तक उनकी अपनी भाषा में पहुंचाना चाहता है ।  

भारत में आज के समय 47 फीसदी बच्‍चे अंग्रेजी माध्‍यम के प्राइवेट स्‍कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और 53 फीसदी बच्‍चे सरकारी स्‍कूल में हिन्‍दी और अन्‍य विभिन्‍न भाषाओं में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । इस एक तथ्‍य से आप इस बात को समझ सकते हैं कि आज अंग्रेजी को आम इंसान भी समझता है और उसको लगता है कि दुनिया के इस प्रतियोगिता वाले समय में हिन्‍दी के अलावा अंग्रेजी और अन्‍य भाषाओं में दक्ष होना भी जरूरी हैं । मैं भी इस बात को मानता हूं कि आने वाला समय भाषा के जिस नए कोडिंग और एआई (AI) की दुनिया का है उसमें आपको अंग्रेजी भाषा में भी दक्ष होना चाहिए लेकिन हिन्‍दी भाषा में आपकी पकड़ का होना भी आवश्‍यक हैं। हिन्‍दी का बेहतर ज्ञान इसलिए भी आवश्‍यक है क्‍योकि आपको अपने इतिहास और वर्तमान की बेहतर जानकारीं नए समय में सफल बनाने के लिए भी बेहद महत्‍वपूर्ण हैं । इसलिए नए दौर में आप अन्‍य भाषाएं भी सीखिए लेकिन हिन्‍दी पर आपकी पकड़ भी शानदार कर लेनी चाहिए। जो काम हिन्‍दी के लिए हमारी सरकारें नहीं कर पाई आने वाले समय में इंटरनेट हिन्‍दी को ग्‍लोबल भाषा बना सकता है, और हिन्‍दी का दबदबा भी इंटरनेट पर संभव हैं। इस हिन्‍दी दिवस में हिन्‍दी के बेहतर साहित्‍य को पढ़ने और समझने के लिए संकल्‍प ले और हिन्‍दी के विकास में अपना योगदान करें। 

Post : Rajesh Yadav 

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