राजनीति का महाभोज : BOLLYWOOD में चरस की खेती करता मीडिया और बेबस किसान

 

BOLLYWOOD MEDIA and NEWS 

        राजनीति का महाभोज - बॉलीवुड का सिनेमाई

              कॉकटेल और उससे निकलती TRP  

Rajesh Yadav 

Bollywood Media and News  : मुंबई में एनसीबी  (NCB OFFICE ) के सामने कवरेज के लिए जुटे टीवी पत्रकारों में आपसी तकरार का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वह हैरान करने वाला है। मुंबई की एक टीवी पत्रकार ने फेसबुक पर जो घटना का वीडियो शेयर किया है उसके अनुसार नीली शर्ट में चश्‍मा लगाए हुए जो पत्रकार नजर आ रहा है सबसे पहले उसी ने कुछ पत्रकारों को शाब्दिक रूप से प्रताडि़त करने का प्रयास किया जिसके बाद अन्‍य पत्रकारों ने उसकी बातों का जवाब दिया और उसके बाद यह मारपीट की घटना वहां हुई हैं । कहा तो यहां तक जा रहा है कि अपने आप को नंबर वन होने का दावा करने वाले नए चैनल के इस पत्रकार ने वहां के बाकी रिपोर्टर्स  और कैमरा की तरफ कैमरा घुमाकर कहा कि यह डिप्रेशन के मरीज पत्रकार बैठे हैं।हैं। चाय बिस्किट वाले पत्रकार है, जो आपको खबर नहीं दिखाएंगे हम खबर दिखाएंगे । दूसरें पत्रकारों ने जब उनको भाषा की मर्यादा पर ध्‍यान देने को कहा तो उन्‍होंने बाकी पत्रकारों के लिए कुछ ऐसे शब्‍दों का प्रयोग किया जो उचित नहीं थे जिसके बाद यह पूरा विवाद हो गया। 

कल तक संसद और विधानसभा में एक दूसरे पर हंगामा और कुर्सी फेकने और माइक तोड़ने की घटना पर मीडिया के लोग सवाल उठा रहे थे वहीं आपस में टीआरपी के चक्‍कर में आपस में भीड़ गए हैं । मुंबई की बॉलीवुड के लिए रिपोर्ट लिखने वाले पत्रकारों के लिए यह एक दम नई चीज है और संभवत: नेशनल मीडिया के लिए भी, आखिर यह कौन सी पत्रकारित है ? आप खबर के लिए दूसरे मीडिया हाउस के पत्रकारों पर इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हुए उनकी छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हो। दरअसल यहीं से पीत्र पत्रकारितका की शुरुआत होती है । 

एक दूसरे को मां- बहन की गालियां देते और तमाचा जड़ते पत्रकार, गजब चरस बो दिया है भाई, शर्मनाक और पत्रकारिता को कलंकित करने वाली घटना । पुलिस ऐसे समझा रही है मानों पत्रकार कोई नेक काम कर रहे हैं,पुलिस को वहां वहीं काम करना चाहिए जिसके लिए वह जानी जाती है । एक मिनट में होश सही हो जाते टीवी मीडियो के शेरों के । भाषा के स्‍तर पर जहालत का इससे बेहतर नमूना और क्‍या हो सकता है? किसने किस टीवी न्‍यूज के पत्रकार को मारा सवाल इस बात का नहीं है । सवाल इस बात का है कि आखिर कितने दबाव में ये पत्रकार काम कर रहे हैं कि एक दूसरे से आगे निकल जाने के चक्‍कर में एक दूसरे को ही मारने - पीटने पर उतर जा रहे हैं । यह खुद से निकला आक्रोश है या मीडिया के हालात वास्‍तव में इतने बिगड़ चुके हैं ?

जब एनसीबी (NCb ) के ऑफिस के सामने दीपिका पादुकोण जाएंगी तो..... 

सोशल मीडिया में जो  वीडियो चल रहा है उसे देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब कल एनसीबी (NCb ) के ऑफिस के सामने दीपिका पादुकोण जाएंगी तो मीडिया क्‍या कवरेज कर रहा होगा ? हालांकि ऐसा भी कहा जा रहा है कि कल दीपिका पादुकोण पेश नहीं होंगी लेकिन कुछ अन्‍य बड़ी एक्‍ट्रेस से पूछताछ हो सकती है।  एक तरफ देश में किसान बिल पर कल राष्‍ट्रव्‍यापी विरोध प्रदर्शन है तो दूसरी तरफ कल ड्रग्‍स मामलें में दीपिका को एनसीबी (NCB) के सामने सवालों का जवाब देने के लिए पेश होना है । हमारी सरकार भी "चतुर बनिया है " वह जानती है कि मीडिया में किसान बिल पर उठने वाली आक्रोश की आवाज को कैसे कम किया जा सकता है । जो खबर है उसे उतना प्रभावी बनने ही मत दो,अब कोई कहेगा कि सरकार ने थोड़े मना किया है कवरेज से,सही बात है... जब मीडिया के दिग्‍गज ही बॉलीवुड के चरस की खेती में टीआरपी देख रहे हो तो खेत - खलिहान से उनको क्‍या मिलना है ? चतुर बनिया शब्‍द पर मोदी सरकार के समर्थक नाराज ना हो मैनें तो वही बात कहीं है जो सरकार के एक बड़े दिग्‍गज मंत्री ने राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के लिए कहीं थी, तो अगर आप ने गांधी जी की तारीफ की थी तो भाई इसे आप अपनी तारीफ ही मान लो।

 

टीवी का न्‍यूज मीडिया कल बॉलीवुड की चरस की खेती करेगा

जाहिर से बात है टीवी का न्‍यूज मीडिया कल बॉलीवुड की चरस की खेती करेगा जिसके लिए आज से ही तैयारी शुरु हो गई हैं । राजनीति का महाभोज चल रहा है और जिसमें एक तरफ है बॉलीवुड का सिनेमाई कॉकटेल और उससे निकलती टीआरपी (TRP) तो दूसरी तरफ है पूंजीपतियों के हाथों में बिकती एक सरकार और ये सब शातं और बेबस हो देखता किसान । 

असली आंधी आने वाली है....

पर जरा ठहरों जो असली आंधी आने वाली है, किसानों के खेत और खलिहान से उसका आपको अंदाजा भी नहीं हैं । और इस बार आप से सवाल पूछने वाला अकेला किसान और नौकरी के अवसर की मांग करने वाला युवा ही नहीं होगा, वो जो देश की सीमाओं पर अपनी जान की बाजी लगा देने वाले किसान के बेटे खड़ें  हैं ना, सवाल तो एक दिन वो भी पूछेगे कि जब हम देश की सीमाओं पर चीन के खिलाफ जान लड़ा कर देश की रक्षा कर रहे थे तो हमारे खेत खलिहान पर ये डाका डालने वाला किसान बिल क्‍यों लाया गया ?

दिल्‍ली में बैठे पत्रकारों को यह बात अभी समझ में नहीं आएगी एक बार गाजीपुर,शेखावटी और पंजाब हरियाण की धरती घूमकर देखों जहां से खेत में मेहनत करने वाले किसान का बेटा भी आर्मी की वर्दी पहनकर देश की सेवा करता है । आपको क्‍या लगता है वह सवाल नहीं पूछेगा, पूछना ही चाहिए ।

शहरी मध्‍यम वर्ग की सोच पर भी है बड़ा सवाल 

देश  मेट्रो शहरों से कितने युवा भारतीय सेना में जाते हैं वह अपने आप में एक सवाल है ? लेकिन मीडिया की टीआरपी तय करने में यहां के मध्‍यम वर्ग और हाई प्रोफाइल लोगों का बड़ा हाथ होता है,वह अपने आप में बाजार हैं । इसलिए देशभक्ति का गुब्‍बारा इंडिया गेट पर लेकर जाने वाला मध्‍यम वर्ग नारात ना हो, आप आराम से टीवी मीडिया पर बॉलीवुड की चरस से जुड़ी खबरों को देखें, देश के अन्‍न उपजाने का काम किसान अपने खेतों में कर रहा है और देश की सीमाओं की रक्षा उनके जवान बेटे अपनी जान देकर कर रहे हैं । जब भी मातृ - भूमि की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने की बात सामने आई है तो देहात से ही वीर- जवान ज्‍यादा निकले हैं,क्‍योंकि धरती को वो अपनी मां मानते हैं,चाहे खेत- खलिहान हो या देश की सीमा । 

टीवी की टीआरपी को डिजिटल ही बदलेगा 

देश का चौथे स्‍तंभ का दम भरने वाली पत्रकारिता को पतन के गर्त में ले जा रहा है हमारा टीवी मीडिया। । टीवी मीडिया और केबल टीवी के बादशाह जितना शोर करना है कर लीजिए डिजिटल का संसार 2 से 3 साल के अंदर आपको आपकी टीआरपी (TRP) की औकात बता देगा और इसकी शुरुआत YoutubeTV से होगी । खेल में वहां आप भी होगे लेकिन  यह जो केबल वॉर के दम पर नंबर वन और टू का गेम है ना उसके 12 बज जाने हैं । अमेरिका में अभी इसकी शुरुआत हुई है और जल्‍द भारत में भी उसका असर देखा जाएगा । 


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