भीड़ जो कहती है.....देखो मुझे मैं एक सवाल हूं.....कोई जवाब है मोदी जी?.....

ज़रा सोचिए कि इस भीड़ में अगर 20 लोग भी कोरोना के पाज़िटिव होंगे तो यू पी और बिहार में क्या होने जा रहा है?..... Rajesh Yadav 
Rajesh Yadav
New Delhi : ये उस गरीब भारत की तस्वीर है जो राम की शक्ति पूजा करती है..... दीपावली में दिये जलाती है रमजान में खुदा की इबादत करती है और जब देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होते हैैं तो ये सोचकर एक सरकार चुनती है कि वो उसकी जिंदगी को कुछ तो आसान करेगी?.....लेकिन इसके साथ ये जो मेहनत कस मजदूर है उसे पता है कि अपनी मेहनत से जिंदगी की2 जून की रोटी का जुगाड़ हो सकता है बाकी अगर कुछ ऊपरवाले की इच्छा होगी तो कुछ अच्छा हो जाएगा?.....
देवता का तो मुझे पता नहीं कि वो कब पत्थर की मूरत से बाहर अपने लोगों की जिंदगी देखने जाता है.....लेकिन जो सरकार और हमारे नेता होते हैं वो भी कुछ नहीं करते हैं.....स्वास्थ्य विभाग के लिए तो आजतक नहीं किया?.....130 करोड़ की जनता के लिए केवल 12 लाख डाक्टर का होना और कुछ चंद अस्पतालों का होना बताता है कि गरीब के हिस्से की जिंदगी आज भी बहुत सस्ती है?.....ज़रा सोचिए कि इस भीड़ में अगर 20 लोग भी कोरोना के पाज़िटिव होंगे तो यू पी और बिहार में क्या होने जा रहा है?.....
 दूसरी बात मोदी सरकार जब राहत देने ‌की तैयारी 1 महीने पहले से बना रही थी तो कोरोना पर जनता को 1 महीने पहले से जागरूक करने का अभियान क्यों नहीं चलाया गया?.....जब आपके अपने देश में 30.01.2020 को कोरोना का पहला मरीज़ आ चुका था और उसके 2 दिन बाद 5 और को अपने तत्काल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को क्यों नहीं रोका?.....दुनिया में कोरोना का पहला मरीज़ 30.12.2019 को आया बाकी देश में 01.01.2020 के बाद आया.....जैसे बाकी देशों ने स्फूर्ति दिखा कर कोरोना टेस्ट किट पर काम किया वैसा हमारे यहां पर क्यों नहीं हुआ?..... अगर 01.01.2020 से 05.03.2020 तक जैसा कि अनुमान है लगभग 15 लाख एन आर आई और अन्य लोग आये तो उनमें से केवल 15000 का ही टेस्ट क्यों किया गया?..... 
मार्च 20 तक तमाम राज्यों में टेस्ट की सुविधा नहीं थी.....उन राज्य सरकारों ने भी मामले की गंभीरता को क्यों नहीं समझा?..... क्योंकि हमारे नेताओं के लिए जनता की जान की कीमत कुछ नहीं है क्योंकि उनको पता है 130 करोड़ जनता का हवाला देकर और दुनिया से तुलना करके ये लोग आसानी से बोल देंगे कि बाकी देश से अच्छा करने की कोशिश हमने की लेकिन 130 करोड़ की जनता का दबाव सिस्टम झेल नहीं पाया.....

और इसके लिए ये गरीब जनता भी कम दोषी नहीं है इसने कभी स्वास्थ्य विभाग को मुद्दा बनाकर वोट किया ही नहीं कभी किसी सरकार से पूछा ही नहीं कि चमकी बुखार से हमारे बच्चे क्यों मारें गये कभी कोटा तो कभी गोरखपुर में बच्चे काल के गाल में क्यों मर जाते हैं?.... आई.सी.यू(ICU) और डाक्टर की टीम कम क्यों पड़ जाती है?.....कोरोना तो महामारी है उस पर तो गरीब जनता कहां सोचेगी.....
बड़ी आसानी से देश की सरकार और उसके विशेषज्ञ और कमज़ोर हो चुका मीडिया आसानी से समझा देंगे कि ये विपदा तो पूरी दुनिया पर आई थी.....यू एस ए(USA), चाइना(China) जैसे पैसे वाले और ताकतवर देश में नुकसान हो गया तो हम कैसे बच पाते.....

फिर राम जी का भव्य मंदिर बनेगा और जो जनता जिंदा रह जाएगी  अपने दुखों को दूर करने के लिए भगवान श्री रामचंद्र जी के दर्शन करने के लिए आएगी क्योंकि.....गरीब जब सब कुछ हार जाता है तो वो आसमान की तरफ देखता या फिर मंदिर में उस पत्थर की मूरत की तरफ जिसमें उसे विश्वास है कि वो सब जानता है.....
 लेकिन इस ख़तरनाक समय में विश्वास बनाए रखें और धरती के असली हीरो और देवता सच्चे डाक्टर पर भरोसा रखिए शायद वो ही एक है जो आप सभी के सहयोग से इस जंग को जीत सकते हैं.....डरें नहीं.....जहां हैं वहीं अपने घर में रहें.....विश्वास बनाए रखें.....बड़ी ताकत होती है खुद के आत्मविश्वास में......

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