वो अपनी जिंदगी की पाठशाला की खुद टीचर है, मिलिए नमिता शुक्‍ला से



वो अपनी जिंदगी की पाठशाला की खुद टीचर है, और आज चूंकि दूसरों की जिंदगी में शिक्षा का प्रकाश डालने वाली इस लड़की का जन्‍म दिन है तो सोचा आप से भी परिचय करा दिया जाए हालांकि काफी लोग उसे जानते हैं। मैं बात कर रहा हूं नमिता शुक्‍ला की सबसे पहले तो जन्‍म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
दरअसल नमिता उन लड़कियों में से एक है जो जिंदगी जीने के लिए अपनी टर्म एंड कंडीशन पर चलना पसंद करती है और सबसे खास बात अपने सपनों को पंख लगाकर उड़ान देना भी उसे बहुत खूब पता है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि से पीजी
(M.J)  करने के बाद मीडिया के लिए काम करने के साथ ही पीचडी करने की तमन्‍ना रखने वाली नमिता का एक दिन फोन आया कि सर  Gandhi Fellowship के लिए चयन हो गया है और मैं इसे ज्‍वाइन करने जा रही हूं। मैनें बहुत लोगों को देखा है जो मीडिया में आने के बाद उससे दूर जाना पसंद नहीं करते लेकिन नमिता उन लोगों से कुछ अलग मालूम पड़ी और गांधी फेलोशिप के माध्‍यम से देश के दूर दराज के इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने निकल पड़ी। 
पिछले 5 सालों से नमिता से मेरी कोई मुलाकात नहीं हुई लेकिन डिजिटल संसार में फेसबुक पर उसके कामों की सूचना मिलती रहती है तो कभी कभार फोन करके उसने खुद शिक्षा के वर्तमान हालात और उसमें क्‍या नया किया जा सकता है उसकी चर्चा करती रहती है।
 फिलहाल वर्तमान में राजस्‍थान के सिरोही जिले में सेंटर फॉर माइक्रोफाइनेंस के लिए काम कर रही हैं। इससे पूर्व कावल्‍या फाउंडेशन ( Kaivalya Education Foundation) के साथ जुड़कर शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है।
एक बार मैनें पूछा था कि मीडिया को अलविदा कहने का दु:ख नहीं होता तो तपाक से बोल पड़ी थी अच्‍छा हुआ मीडिया से दूरी बना ली शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करती हूं, दूर दराज के बच्‍चों से मिलती हूं तो लगता है कि सचमुच कुछ कर रही हूं। दरअसल नमिता शुक्‍ला जैसी मेंटर आज के दौर में हर स्‍कूल में होनी चाहिए क्‍योंकि ऐसे लोग बदलते भारत की असली पहचान । गुड जॉब नमिता ऐसे ही चलती रहो सपने वहीं बड़े होते हैं जिसमें आपकी सफलता में भी दूसरों की जिंदगी संवरती हो और आप जो काम कर रहीं हो उसका रास्‍ता ऐसी ही मंजिल की तरफ जाता है।

जन्‍म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं ….आने वाला साल और भी सफलताओं से भरा और खुशहाली भरा हो....

GOOD JOB : यह मत सोचों की कैसे होगा, ये सोचों की जिंदगी में करना क्‍या चाहते हो, और उस पर अमल करो उसके बाद जिंदगी आपको वह सारे रास्‍ते बताती है, थोड़े मुश्किल भरें, थोड़ी आसानी वालें ….लेकिन अपने सपनों के लिए कुछ तो अलग करना ही पड़ता है, दो कदम तो खुद से चलना ही पड़ता है !


 =Rajesh Yadav

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