निर्देशन और कहानी : शेन एकर
पटकथा : पामेला पेटलर
प्रोडच्यूसर : टिम बॉरटन, टिम बेकमेमबेटोव
संगीत : डैनी एल्फमैन, डेबोरॉह लुरी
संपादन : निक केनवे
कलाकार : एलिजा वुड, जॉन सी रिले, क्रिस्टोफर प्लमर,क्रिस्पिन ग्लोवर, मार्टिन
रेटिंग ***
फिल्म ‘9’ एक ऐसी एनीमेटेड फिल्म में जो न केवल अपने नाम के कारण, रिलीज डेट के कारण और अपनी पटकथा के कारण याद रखी जाएगी। फिल्म निर्देशक शेन एकर की सोच का जादू का नाम है फिल्म ‘9’। दरअसल 1999 में शेन ने अपने छात्र जीवन में एक 11 मिनट की एनिमेटेड लघु फिल्म बनाई थी जो सितंबर 09.09.09 को संसार के सामने फुल लेंग्थ की फिल्म के रुप में सामने आ रहीं है। अपने लघु संस्करण के दौरान यह ऑस्कर की दौड़ में भी शामिल हो चुकी है।
फिल्म की पटकथा लिखनें में पामेला पेटलर ने कमाल का लेखन किया है ।
संसार की शुरुआत और मानव सभ्यता के अंत के बाद की अनोखी दुनियां की परिकल्पना और बुद्धिमान मशीनों द्वारा जीवन को बचाने के लिए किए गए संघर्ष को बेहतरीन रुप से रचा गया है। दरअसल शेन एकर की ‘9’ मिनट की लघु फिल्म की कहानी को पामेला ने फुल लेंग्थ की फिल्म की पटकथा का रुप दिया है। पटकथा लेखिका पामेला पेटलर को कहानी कहने के अंदाज, द्रश्यों की रचनात्मकता और हॉस्यबोध की रचना के लिए जाना जाता है। उनके लेखन की चर्चा मोंस्टर हाउस के लिए भी हो चुकी है।
फिल्म ‘9’ शुरु होती मानव सभ्यता के अंतिम दिनों के अंत के समय से शुरु होती है और एक वैज्ञानिक मरते-मरते अपनी अंतिम खोज के रुप में स्टिचपुंक की खोज कर जाता है। ये स्टिचपुंक की कई विशेषताएं फिल्म में बताई गई है, वे बुद्धिमान है, दयालु है और अपने जैसे समुदाय की खोज करते है। फिल्म में ‘9’ स्टिचपुंक बताए गए है जिनकी अपनी अपनी विशेषताएं है। लेकिन एक बुरी मशीन इन पर हमला कर देती है, यह मशीन फैबरीकैशन मशीन रहती है जो मानवता के खिलाफ काम करती है। फिल्म में दिखाया गया है कि यह मशीन मानवता से इस कदर नफरत करती है कि अपने बनाने वाले को भी मार देती है। इस मशीन से लड़ने के लिए स्टिचपुंक अपने विवेक ,बल और ताकत का उपयोग कर जीवन को बचाने के लिए उनके खिलाफ संघर्ष करते है।
यह साइंस फिक्शन एनीमेटेड फिल्म युवाओं को बेहद पसंद आएगी, फिल्म में एनीमेटड चरित्रों के होने के बावजूद जिस सवेंदनशीलता को छूने का अद्भुत प्रयास निर्देशक शेन एस्कर ने किया है वह कमाल का है। वैज्ञानिकों की खोज से बनीं कृति और भविष्य में उसके संभावित परिणामों को बताने में जिस एक्शन और एडवेंचर का प्रयोग हुआ है, वह शानदार है। ८१ मिनट की इस एनीमेटेड फिल्म को बनाने में 3.30 करोड़ डॉलर( करीब 1.5972 करोड़ रुपए) खर्च हुए है लेकिन फिल्म उम्दा बन पड़ी है।
फिल्म का म्यूजिक स्कोर शानदार है और 11 मिनट की शार्ट फिल्म को 81 मिनट में बदलना अपने आप में कमाल की बात है और इसके लिए फिल्म ‘9’ की पूरी टीम बधाई की पात्र है, खासतौर पर वह शख्स जिसने आज से ठीक १क् साल पहले 11 मिनट की शार्ट फिल्म 9 अपनी पढ़ाई के दौरान बनाई थी। जी हां हम शेन एकर के जादू भरे सपने की बात कर रहे है जिसे अब पूरी दुनियां 09.09.09 को देखेगी। फिल्म देखने योग्य है और साइंस फिक्शन और एडवेंचर पसंद करने वालों को यह फिल्म लुभायेगी। साथ ही यह देखना भी रोचक होगा कि 9 का 11 मिनट का जादू ,81 मिनट की लंबाई में पहुंचने पर क्या कमाल दिखाता है।
रेटिंग ***
पटकथा : पामेला पेटलर
प्रोडच्यूसर : टिम बॉरटन, टिम बेकमेमबेटोव
संगीत : डैनी एल्फमैन, डेबोरॉह लुरी
संपादन : निक केनवे
कलाकार : एलिजा वुड, जॉन सी रिले, क्रिस्टोफर प्लमर,क्रिस्पिन ग्लोवर, मार्टिन
रेटिंग ***
फिल्म ‘9’ एक ऐसी एनीमेटेड फिल्म में जो न केवल अपने नाम के कारण, रिलीज डेट के कारण और अपनी पटकथा के कारण याद रखी जाएगी। फिल्म निर्देशक शेन एकर की सोच का जादू का नाम है फिल्म ‘9’। दरअसल 1999 में शेन ने अपने छात्र जीवन में एक 11 मिनट की एनिमेटेड लघु फिल्म बनाई थी जो सितंबर 09.09.09 को संसार के सामने फुल लेंग्थ की फिल्म के रुप में सामने आ रहीं है। अपने लघु संस्करण के दौरान यह ऑस्कर की दौड़ में भी शामिल हो चुकी है।
फिल्म की पटकथा लिखनें में पामेला पेटलर ने कमाल का लेखन किया है ।
संसार की शुरुआत और मानव सभ्यता के अंत के बाद की अनोखी दुनियां की परिकल्पना और बुद्धिमान मशीनों द्वारा जीवन को बचाने के लिए किए गए संघर्ष को बेहतरीन रुप से रचा गया है। दरअसल शेन एकर की ‘9’ मिनट की लघु फिल्म की कहानी को पामेला ने फुल लेंग्थ की फिल्म की पटकथा का रुप दिया है। पटकथा लेखिका पामेला पेटलर को कहानी कहने के अंदाज, द्रश्यों की रचनात्मकता और हॉस्यबोध की रचना के लिए जाना जाता है। उनके लेखन की चर्चा मोंस्टर हाउस के लिए भी हो चुकी है।
फिल्म ‘9’ शुरु होती मानव सभ्यता के अंतिम दिनों के अंत के समय से शुरु होती है और एक वैज्ञानिक मरते-मरते अपनी अंतिम खोज के रुप में स्टिचपुंक की खोज कर जाता है। ये स्टिचपुंक की कई विशेषताएं फिल्म में बताई गई है, वे बुद्धिमान है, दयालु है और अपने जैसे समुदाय की खोज करते है। फिल्म में ‘9’ स्टिचपुंक बताए गए है जिनकी अपनी अपनी विशेषताएं है। लेकिन एक बुरी मशीन इन पर हमला कर देती है, यह मशीन फैबरीकैशन मशीन रहती है जो मानवता के खिलाफ काम करती है। फिल्म में दिखाया गया है कि यह मशीन मानवता से इस कदर नफरत करती है कि अपने बनाने वाले को भी मार देती है। इस मशीन से लड़ने के लिए स्टिचपुंक अपने विवेक ,बल और ताकत का उपयोग कर जीवन को बचाने के लिए उनके खिलाफ संघर्ष करते है।
यह साइंस फिक्शन एनीमेटेड फिल्म युवाओं को बेहद पसंद आएगी, फिल्म में एनीमेटड चरित्रों के होने के बावजूद जिस सवेंदनशीलता को छूने का अद्भुत प्रयास निर्देशक शेन एस्कर ने किया है वह कमाल का है। वैज्ञानिकों की खोज से बनीं कृति और भविष्य में उसके संभावित परिणामों को बताने में जिस एक्शन और एडवेंचर का प्रयोग हुआ है, वह शानदार है। ८१ मिनट की इस एनीमेटेड फिल्म को बनाने में 3.30 करोड़ डॉलर( करीब 1.5972 करोड़ रुपए) खर्च हुए है लेकिन फिल्म उम्दा बन पड़ी है।
फिल्म का म्यूजिक स्कोर शानदार है और 11 मिनट की शार्ट फिल्म को 81 मिनट में बदलना अपने आप में कमाल की बात है और इसके लिए फिल्म ‘9’ की पूरी टीम बधाई की पात्र है, खासतौर पर वह शख्स जिसने आज से ठीक १क् साल पहले 11 मिनट की शार्ट फिल्म 9 अपनी पढ़ाई के दौरान बनाई थी। जी हां हम शेन एकर के जादू भरे सपने की बात कर रहे है जिसे अब पूरी दुनियां 09.09.09 को देखेगी। फिल्म देखने योग्य है और साइंस फिक्शन और एडवेंचर पसंद करने वालों को यह फिल्म लुभायेगी। साथ ही यह देखना भी रोचक होगा कि 9 का 11 मिनट का जादू ,81 मिनट की लंबाई में पहुंचने पर क्या कमाल दिखाता है।
रेटिंग ***
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