10 अक्टूबर 1954 को तमिलनाडू में जन्मी भानूरेखा गणेशन उर्फ रेखा अपने अभिनय व अप्रितम
सौन्दर्य के लिए जाना जाने वाला एक खूबसूरत नाम है। एक ऐसा नाम जिसकी आंखों की
मस्ती और अभिनय का जादू बड़े परदे पर जमकर चला है। रेखा की जिंदगी के सावन भादों
में कई धूप छांव है जिसमें संघर्ष और सफलता की ऐसी दास्तान है जिसमें जिंदगी का
असली सच छुपा हुआ है। कुछ खूबसूरत पल, कुछ अंजाने दुख और मुस्कान के कुछ ऐसे मोती भी
है। तमिल फिल्मों के सुपर स्टॉर कहे जाने वाले जेमिनी गणेशन तेलगू स्टॉर
पुष्पावल्ली की पुत्री रेखा ने अपने अभिनय के दम पर बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान
बनाई।
‘रंगुला ररतनम’ में बाल कलाकार
बॉलीवुड में अभिनय की पारी शुरु करने से पहले रेखा ने तमिल फिल्म ‘रंगुला ररतनम’ में बाल कलाकार के रुप में
काम किया था और कन्नड़ फिल्म ‘गोडाली सीआईडी’ 999 से शुरु किया। बॉलीवुड में ‘सावन-भादों’ फिल्म से रेखा ने अपनी
पहचान बनानी शुरु की।
रेखा और अमिताभ की रोमांटिक जोड़ी
रेखा के फिल्मी कॅरियर में असली जादू जगाया ‘दो अंजाने’ और घर फिल्म नें। ये दो ऐसी
फिल्में थी जिसके बाद रेखा का फिल्मी करियर जहां चल निकला। रेखा और अमिताभ ने एक
साथ कई हिट फिल्में दी और दोनों की रोमांटिक जोड़ी फिल्मी पर्दे पर खूब पंसद की
गई। दोनों की रोमांटिक जोड़ी का असर निजी जीवन से भी जोड़कर देखा जाने लगा और इसी
के चलते सिलसिला फिल्म के बाद दोनों ने आज तक साथ काम नहीं किया।
‘उमराव जान’ में की मस्तानी आंखों का
जादू
1981 में आई ‘उमराव जान’ में रेखा ने अभिनय का एक
ऐसा किरदार जिया जिसकी आज भी मिसाल दी जाती है। अभिनय में डूबी रेखा की मस्तानी
आंखों का जादू कुछ इस कदर चला कि जिसने भी देखा वह सम्मोहित हो गया। एक ही भूल, बसेरा, कलयुग से रेखा ने यथार्थ
सिनेमा जगत में भी अपनी अलग छाप छोड़ी। इसके साथ ही ‘खून भरी मांग’ में उनके अभिनय को फिल्म
समीक्षकों और जनता ने खूब पंसद किया।
बोल्ड और बिंदास अभिनय में भी छा गई
‘कामसूत्र : ए टेल ऑफ
लव’,
खिलाड़ियों का खिलाड़ी और
परिणीता जैसी फिल्मों में रेखा ने अपने ग्लैमरस अभिनय से लोगों को अपने अभिनय के
एक नए पक्ष से अवगत कराया।
फेवरेट अल्फाबेट ए है, क्यों ?
रेखा की निजी जिंदगी के भी कई पक्ष है आज भी उनका फेवरेट अल्फाबेट ए है, क्यों ?जानने वाले इसे जानते है।
सितारों की जिंदगी से जुड़े परदे के इस पार के कुछ ऐसे सच भी होते है जिसे दर्शक
जानना चाहता है।
मुकेश अग्रवाल से विवाह
रेखा ने उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से विवाह भी किया लेकिन यहां भी रेखा की
जिंदगी में एक दु:ख लिखा था , असमय ही उनके उद्योगपति ने आत्महत्या कर अपना जीवन खत्म कर
लिया।
रेखा ने अभिनय का दामन कभी नहीं छोड़ा
रेखा के पिता जेमिनी गणेशन तेलगू फिल्मों में जिस तरह कमाल का काम किया उसी तरह रेखा ने भी बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। जिंदगी की धूप छांव से गुजरते हुए रेखा ने अभिनय का दामन कभी नहीं छोड़ा, वे अपने ग्लैमरस लुक और शानदार अभिनय के बल पर साथ बार बार दर्शकों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ जाती है। आज रेखा का जन्म दिन पर हम तो यहीं कहेगें तुम जियो हजारों साल - साल के दिन हो पचास हजार।
Rajesh Yadav
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