‘यार आमिर इतना रुलाएंगे क्या पब्लिक को ?’







राजेश यादव
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मनोरंजन क्या है? वह जो चेहरे पर दो इंच मुस्कान ले आए, या वो जो रुला जाए.या कुछ और? इस प्रश्न पर गौर करने से पहले स्टॉर प्लस पर जल्द शुरु हो रहे सत्यमेव जयते के प्रोमों में आमिर खान क्या कहते हैं जरा इसे देखें:

सवाल : ‘यार आमिर इतना रुलाएंगे क्या पब्लिक को ?’

आमिर खान : ‘उल्टा बोल रहा है तू...रोने दे पब्लिक को , गुस्सा आना चाहिए। इंटरटेंमेंट का मतलब ये थोड़ी कि बस हंसाते रहो,दिल पर लगनी चाहिए..दिल पर लगेगी ना तो ही बात बनेंगी..।’

जी हां बड़े परदे पर अपना जादू जगाने के बाद ,आमिर खान एक अलग रंग में ‘सत्यमेव जयते’ में दर्शको के सामने कुछ ऐसी बातों के साथ रु-ब-रु होने जा रहे हैं जो अपने आप में जुदा है। ‘सत्यमेव जयते’में कुछ ऐसा है जो आपके दिल को छू जाएगा।  आजकल इतने टीवी चैनल है, मीडिया का शोर-शराबा है, हर मिनट में तो टीवी पर कुछ नया आ ही जाता है लेकिन यह भी सच है कि देश में घट रही घटनाओं से हम जितनी तेजी से अवगत होते हैं उतनी तेजी से उसे भूल भी जाते है..‘सत्यमेव जयते’ के दूसरे प्रोमो में आमिर खान जब यह कहते हैं कि ‘आंखो से मत देखो.दिल से देखकर देखो ..।’

अब दिल को लेकर तो बहुत कुछ कहा जाता है, कुछ के लिए बच्च, तो कुछ के लिए ये दिल उतना ही सच्च है, कभी छलिया तो कभी दिल दीवाना हो जाता है..कभी देशराग से मातृ -भूमि के लिए उतावला हो यही दिल जान की बाजी लगा देता है.यह रोता है, हंसता है, गुनगुनाता है, गुस्से में उबल पड़ता है..। ‘सत्यमेव जयते’ हिंदुस्तान के दिल में छुपे जज्बातों की एक ऐसी दास्तान है जो आप से सीधा सवाल करेगी.बात जो सीधे आपके दिल पर असर करेगी.।

बात जो दिल को छू जाए, आंखो को नम कर जाए..गला दर्द से भर जाए जब ऐसी कुछ बात होती है तो उसमें भी मनोरंजन होता है.इस देश में ऐसी बहुत सी बातें हैं, ऐसी बहुत सी कहानियां है जो आपके दिल को छू सकती हैं..आमिर खान ‘सत्यमेव जयते’..में कुछ ऐसी ही कहानियों से दर्शकों को रू-ब-रु कराने जा रहे हैं। मनोरंजन केवल हास्य में नहीं होता वह करुण रस में भी होता है..शेक्सपियर के दुखांत नाटकों  में भी एक अलग किस्म का मनोरंजन ही तो है.. इसलिए  आमिर खान की इस बात से सहमत हुआ जा सकता है कि कुछ ऐसा दिखाओ जो दर्शक के दिल को छू जाए।  सच  कितना भी कड़वा क्यों ना हो उसे देखने और समझने की जरूरत है.सच  आंखो से नहीं दिल से देखो और कहो..हां यार कुछ तो बात है ..।

हिन्दी साहित्य में 9 रसों का जिक्र किया गया है..इसलिए कोई भी रचना , फिल्म धारावाहिक या कोई अन्य कार्यक्रम इन 9 रसों में से किसी भी एक रस में ऐसा प्रभाव पैदा कर दे जो पाठक या दर्शक के दिल को छू जाए और लंबे समय तक याद रहे वास्तविक मनोरंजन होता है। वैसे मनोरंजन हर किसी के लिए अलग मायने रखता है आप एक हास्य फिल्म देखकर भी खुश हो लेते हैं जिसका प्रभाव सिनेमाहॉल के अंदर बहुत तात्कालिक होता है वहीं आप दूसरी तरफ थ्री-इडियट् जैसी फिल्म देखकर भी मनोरंजन का अनुभव करते हैं जिसमें एक संदेश छुपा होता है।

खैर देश के हर हिस्से से चुनकर आमिर खान कुछ मोती लेकर आए है जो अपनी कहानी से , अपनी बातों से आपको हाले दिल..कहेंगे सुनेंगे..बात से बात बनेगीं और आप कहेंगे ‘सत्यमेव जयते’। बापू ने भी तो कहा था सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं..तो आइए मनोरंजन के एक नए दौर पर स्टॉर प्लस पर शुरु हो रहे ‘सत्यमेव जयते’ के साथ चले.. क्योंकि इस देश में कुछ लोग पारंपरिक थाली में खाते हैं...कुछ छुरी और कांटे से खाते हैं.  कुछ ऐसे भी हैं जो आधे पेट रहकर जिंदगी काट लेते हैं ..इस देश में डिनर टेबल सबके भाग्य में अभी कहां..? फिर भी देश से ऐसे ऐसे हीरो निकल रहे हैं जिनको देखकर आप कहेंगे ‘सत्यमेव जयते’ क्योंकि यह हर जिंदगी से टकराऐगा।



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