Kites review: प्रेम की डोर से बंधी काइट्स

Movie Rating -* * *
फिल्म समीक्षा : काइट्स
निर्देशक : अनुराग बसु
निर्माता: राकेश रोशन
कलाकार : रितिक रोशन, बारबरा मोरी, कंगना रणावत
संगीत : राजेश रोशन
गीत : नसीर फराज, आसिफ अली बेग
संपादन : अविक अली
वितरण = बिग सिनेमा

प्रेम को किसी भाषा की जरूरत नहीं होती, काइट्स की थीम यही है। निर्देशक अनुराग बसु ने अपनी बाकी फिल्मों की तरह इसमें भी अपने खास अंदाज को बरकरार रखा है। अपराध की गलियों में खिलती खूबसूरत रोमानी प्रेमकथा। फिल्म में हॉलीवुड फिल्मोंे की तरह की गति है। कई सीन निर्देशक की अद्भुत कल्पनाशीलता की बानगी हैं, विशेषकर जहां अशाब्दिक रोमांस का जादू बिखेरा गया है। कार रेसिंग और स्टंट को बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया है।

पटकथा पर अनुराग बसु की मेहतन पूरी तरह से झलकती है। किस्सागोई का उनका अलग अंदाज पूरी फिल्म पर हावी रहता है। घटनाओं को फ्लैशबैक और वर्तमान को जोड़कर कुछ इस तरह से बुना गया है कि हर सीन थोड़ा चौकाता है। अविक अली का संपादन उच्चकोटि का है, बारबरा और रितिक का अभिनय फिल्म की जान है।

फिल्म जे (रितिक रोशन) और नताशा / लिंडा (बारबरा मोरी) की प्रेम की कहानी कहती है। जे (रितिक रोशन) एक डांस टीचर है। वह बहुत जल्दी अमीर होना चाहता है। इसके लिए वह ग्रीनकार्ड चाहने वाली लड़कियों से विवाह कर उन्हें अमेरिका में बसने में मदद करता है। मैक्सिको से आई लिंडा (बारबरा मोरी) भी उसकी मदद लेती है। इसी बीच जे से डांस सीख रही जीना (कंगना)को उससे प्यार हो जाता है। जीना लास वेगास के कैसिनो मालिक (कबीर बेदी) की बेटी है। उसकी दौलत के चक्ककर में जे उससे विवाह करने के लिए तैयार हो जाता है। शादी होने से पहले जे की मुलाकात नताशा उर्फ लिंडा से जीना के घर पर फिर से होती है जो कबीर बेदी के बेटे टोनी(निक ब्राउन) से विवाह करने वाली है।
जे की तरह नताशा भी केवल पैसे के लिए इस शादी को करना चाहती है। लेकिन इसी बीच जे और नताशा को अहसास होता है कि वे दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैें। यहां से कहानी में बदलाव आता है, नताशा विवाह से एक दिन पहले जे के साथ भाग जाती है। टोनी और उसके पिता दोनों से बदला लेने के लिए पीछे पड़ जाते हैं। फिल्म में जबर्दस्त थ्रिल, स्टंट और इमोशनल सीन्स हैं। जे और नताशा की भाषा भिन्न होने के बावजूद दोनों की कैमिस्ट्री जोरदार है। हालांकि फिल्म का अंत दुखांत है।

बेहतरीन अभिनय, खूबसूरत गीत और एक अदद डांस नंबर के बावजूद फिल्म भारतीय दर्शकों को प्रभावित कर पाएगी, कहना मुश्किल है। फिल्म के पहले भाग में अमेरिका की खूबसूरत लोकेशंस दिखाई गई हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक और सिनेमेटोग्राफी शानदार है। गीत-संगीत मधुर है। नसीर और आसिफ के लिखे गीतों को राजेश रोशन ने अपने बेहतरीन संगीत से नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। कुल मिलाकर प्रस्तुतिकरण के मामले में अनुराग की यह फिल्म इस साल की सभी फिल्मों पर भारी पड़ती दिख रही है। क्यों देखें: रितिक के अभिनय के लिए, नए तरह के स्टोरी टेंिलंग के लिए, कर्णप्रिय संगीत के लिए और बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी के लिए।
राजेश यादव

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