धमाके पर भारी क्रिकेट का जूनून


दोपहर 3 बजे बंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में धमाके की खबर से चारों तरफ सनसनी फैल गई। ४ बजे आईपीएल का एक बड़ा मैच होना था लेकिन कम तीव्रता के आईडी धमाके की साजिश को देखकर मैच पर संशय के बादल छा गए थे। दूसरी ओर बंगलुरु पुलिस कमिश्नर का हौसला नहीं डिगा बोल पड़े थोड़ा सा वक्त दें, मेरी तैयारी पूरी है एक बार जांच से संतुष्ट हो जाऊं मैच तो हर हाल में होगा। और इस विश्वास की जीत हुई भले ही खेल 1 घंटा देरी से शुरू हुआ।


मैच देखने आए दर्शकों की बेताबी का आलम और खिलाड़ियों का जूनून देखकर तो साफ है कि आईपीएल का रोमांच धमाकों पर भारी पड़ा है। क्रिकेट के लिए, उसके खिलाड़ियों के लिए और तमाम खेल प्रेमियों के लिए एक शुभ संदेश है यह जीत। भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं है एक धर्म है। और फिर जब क्रिकेट का भगवान खुद बल्लेबाजी करने उतरता है तो उसको चाहने वाले किसी धमाके की परवाह नहीं करते। सचिन का जादू ही कुछ ऐसा है। उनके बल्ले से निकलने वाले रनों पर जब दर्शक तालियां बजाता है तो उस समय मन में उठे रोमांच के आगे बहुत कुछ छोटा लगने लगता है। ऐसे में आतंकियों की साजिश की बिसात ही क्या।


साजिश करने वालों ने दीवार के पीछे प्लास्टिक में बम रखकर सोचा कि लोग धमाकों से डर जाएंगे और खेल देखने नहीं आएंगे लेकिन वे भूल गए कि राहुल द्रविड़ नाम का भी एक खिलाड़ी है। जिसे क्रिकेट प्रेमी द वॉल के नाम से जानते हैं और जब उनका यह प्रिय खिलाड़ी मैदान पर खेलने उतर रहा हो तो उस खेल को देखने के लिए क्रिकेट प्रेमी कैसे दूर रह सकते थे।

टिप्पणियाँ

PD ने कहा…
कौन जीता? मैं मैच नहीं देख पाया..