फिल्म समीक्षा : कॉमेडी का जबर्दस्त ‘दे दना दन’


फिल्म समीक्षा : ‘दे दना दन’

निर्देशक :प्रियदर्शन

प्रोडच्यूसर : गणेश जैन, रतन जैन, गिरीश जैन

संगीत:प्रीतम

कलाकार : अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, परेश रावल, कैटरीना कैफ, नेहा धूपिया, समीरा रेड्डी


फिल्म ‘दे दना दन’ एक ऐसी फिल्म है जिसमें हंसी के बहुत प्यारे प्यारे गुल्ले है और प्रियदर्शन ने इस अपनी स्टाइल में बड़े प्यार से बनाया है। फिल्म बॉक्स ऑफिस की खिड़की पर कमाल करने में सक्षम है। यह एक ऐसी फिल्म है जो आपको मुस्कराने का पूरा मौका देती है ,इसमें हास्य का भरपूर पिटारा है। पैसा और प्यार कई लोगों की जिंदगियों को एक दूसरे से जोड़ते हुए हास्य को बुनने की कला को एक बार फिर से सफल प्रयोग किया गया है।


फिल्म की कहानी दो ऐसे युवाओं पर आधारित है जो पैसे के अभाव में तो है लेकिन उनकी प्रेमिकाएं धनवान है। प्रियदर्शन की फिल्मों में अकसर नायक पैसा कमाने के लिए अपहरण की वारदात करने से बाज नहीं आता है और दे दना दन में नायक अपनी मालकिन के कुत्ते का ही अपहरण कर लेता है। कुत् ता तो वापस घर अपने आप पहुंच जाता है लेकिन इसके बाद फिल्म में रफ्तार आती है और कुछ ऐसे चरित्र फिल्म में तेजी से आते है जो अपनी हरकतों से फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाते है। कुछ लोग अपने प्यार को पाने के लिए पैसा पाना चाहते है, तो कुछ पात्र पैसे के दम पर अपनी चाहत को पूरा करना चाहते है तो कुछ ऐसे है जो पैसे को पाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते है। पैसे के पीछे भागते लोगों की छोटी -छोटी हरकतों से हास्य का एक पिटारा बनता है जो दर्शकों को लोट-पोट कर देता है।
फिल्म के अंतिम भाग में पानी के बहाव की रफ्तार में जिस तरह से सभी कलाकर बहते है वह एक शानदार प्रयोग है और इसे देखना बेहतरीन अनुभव दर्शक को मिलता है। फिल्म की कहानी में एक रफ्तार है, अंत प्रभावशाली है। कलाकारों में अक्षय , सुनील शेट़्टी और परेश रावल की तिकड़ी का कॉमेडी स्टाइल दर्शको प्रभावित करता है वहीं कैटरीना, नेहा धूपिया और समीरा फिल्म में अपनी ग्लैमरस छवि के साथ दर्शकों पर अपना जादू चलाने में सफल रहें है।फिल्म में अन्य दूसरे कलाकारों ने भी बेहतरीन अभिनय किया है और जॉनी लीवर व राजपाल यादव ने अपनी पहचान के अनुसार बेहतरीन काम किया है।

फिल्म ‘दे दना दन’ अपने कुछ संवादों के कारण सिनेमा की भाषा में आ रहीं गिरावट को बताने वाली फिल्मों में गिनी जा सकती है ।भाषा के स्तर पर प्रियदर्शन अपनी पुरानी पहचान से भटकते नजर आ रहे है। इस बात के लिए प्रियदर्शन की आलोचना की जा सकती है और यह एक बेहद चिंताजनक बात भी है,ऐसा लगता है समाज अब कुछ प्रचलित गालियों को बहुत हल्के में लेने लगा है। लेकिन इन सब बातों के बावजूद फिल्म ‘दे दना दन’ में वह सब कुछ है जो इसे हिट कराने में मददगार होगा। यह भरपूर मनोरंजन प्रधान फिल्म है और दर्शकों के साथ-साथ बॉलीवुड के लिए भी यह फिल्म फायदे का सौदा है।
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Rajesh Yadav

टिप्पणियाँ

अनिल कान्त ने कहा…
मतलब देखी जा सकती है