भारतीय मूल के वैज्ञानिक वेंकटरमन रामाकृष्णनन को नोबल



जिंदगी की किताब की विशेष न्यूज। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक वेंकटरमन रामाकृष्णनन, थॉमस स्टेट्जि और इजरायल की यदा योनेथ को संयुक्त रुप से रसानयन के श्रेत्र में की गई खोज राइबोसोम की संरचना के अध्ययन और खोज के लिए 2009 का नोबल प्राइज देने का ऐलान किया है।

द रॉयल स्वीडिस एकेडमी ऑफ साइंस ने कहा है कि राइबोसोम डीएनए कोड को जीवन के रुप में स्थानांनतरण करते है।

वेंकटरमण रामाकृष्णनन (भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक) जन्म : 1952 में भारती राज्य तमिलनाडू के चिदंबरम

शिक्षा : ओहियो विश्वविद्यालय से 1976 में पीएचडी

क्या है यह खास खोज :

इन तिनो वैज्ञानिकों ने आणविक स्तर पर जैव कोशिका में राइबोसोम की संरचना और कार्यप्रणाली का पता लगाया है। यह कोशिका की सबसे जटिल प्रक्रियाओं में से एक है, इसी खोज के लिए निर्णायक मंडल ने इन वैज्ञानिकों ने तीनों वैज्ञानिकों को रसायन शास्त्र का यह नोबल प्राइज दिया है।

राइबोसोम प्रोटीन पैदा करता है जो बदले में जीवति अंगो के रासायनिक तंत्र को नियंत्रित करने में अपनी भूमिका निभाता है।

टिप्पणियाँ

coolboy ने कहा…
bahuti acha post hai , aap ne kamal kardiya ,shaayad aapka pehli hindi blog hai
Arvind Mishra ने कहा…
हम क्यों हो प्रमुदित
केवल इसलिए की वे जन्मे थे भारत में /
पुरस्कार तो एक अमेरिकी को मिला है !