‘दिल बोले हड़िप्पा’ : इस फिल्म में कुछ बात है


निर्देशक : अनुराग सिंह

प्रोड्च्यूसर : आदित्य चोपड़ा

कलाकार :शाहिद कपूर, रानी मुखर्जी,अनुपम खेर,दिलीप ताहिल, राखी सावंत, शर्लिन चोपड़ा, पूनम ढिल्लन, ब्रजेश हिरजे

संगीत : प्रीतम

गीतकार : जयदीप साहनी

बैनर : यशराज


‘दिल बोले हड़िप्पा’ यशराज फिल्म की एक और शानदार फिल्म है जिसमें देशप्रेम, सपनों को पूरे करने की जिद और और प्यार भरें रिश्तों की कहानी है। फिल्म दर्शकों का दिल जीतने वाली है। फिल्म में क्रिकेट के खेल के माध्यम से जहां एक तरफ चैंपियन बनने की दास्तान है वही अमन का संदेश देने का प्रयास भी। एक ऐसी फिल्म जो कहती है हमें एक जिंदगी मिलती है ,अपने सपनों को पूरा करने के लिए, प्यार भरें रिश्तों को जीने के लिए ।


फिल्म कहती है जिंदगी के इस खेल में चैंपियन बनकर जीना ही जिंदगी की जीत है। इस बेहतरीन फिल्म के लिए निर्देशक अनुराग सिंह साधुवाद के पात्र है और रानी मुखर्जी के लिए यह फिल्म संजीवनी की तरह है।


फिल्म में वीरा कौर (रानी मुखर्जी) एक ऐसी गांव की लड़की बनीं है जो सचिन और धोनी के साथ क्रिकेट खेलने का सपना देखती है। एक दिन ऐसा भी आता है कि वह अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वीरा कौर से वीर नामक सरदार बनकर अमृतसर की एक स्थानिय टीम में शामिल हो जाती है। इस टीम के कप्तान रोहन (शाहिद कपूर) अपने पिता (अनुपम खेर)का सपना पूरा करने के लिए पाकिस्तान की एक स्थानिय टीम को मात देना चाहते है। सबसे खास बात फिल्म में टी 2० का मैच दिलचस्प अंदाज में दिखाया गया है और वीर और रोहन द्वारा पाक टीम को हराने के लिए किए गया प्रयास उम्दा है। दो दोस्तों की टीम के बीच अमन के लिए खेला जाने वाला मैच बहुत दिलचस्प होता है।


पूरी फिल्म में रानी मुखर्जी और शाहिद कपूर का अभिनय शानदार रहा है। रानी ने संवाद बोलने, डांसिग और सरदार बॉय के रुप अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही है।राखी सावंत और शर्लिन चोपड़ा ने बिंदास काम किया है। वहीं अनुपम खेर, दिलीप ताहिल और पूनम ढिल्लन ने भावानात्मक रोल में बेहतर काम किया है।


फिल्म की कहानी, सवांद और पटकथा लेखन के लिए जया -अपराजिता ने बहुत शानदार मेहनत की है। कुछ संवाद तो बहुत ही बेहतरीन है। प्रीतम का संगीत उम्दा है और जयदीप साहनी के लिखे गीत के बोल अपना जादू दिखाने में कामयाब है। फिल्म में बीच बीच में कुछ पुरानी फिल्मों के गीतों के मुखड़ो का फिल्मांकन लाजबाब रहा है। क्रिकेट के खेल का जादू हम भारतीयों पर कुछ खास ही चलता है और दिल बोले हडिप्पा उस जादू को बरकरार रखने में कामयाब रहीं है।

Rajesh Yadav

टिप्पणियाँ

यशराज की पिछली फिल्मों ने बहुत निराश किया है. आपकी समीक्षा पर मुश्किल से ही विशवास हो रहा है.

वैसे भी आजकल फिल्में बस ये सोचकर बनाई जा रही हैं की शुरू में एक हफ्ता खींच ले जाये, बस, बाकी काम म्यूजिक और सैटेलाईट राइट्स कर देंगे.