जिंदगी, जीत और लक.


हार और जीत महज दो शब्द नहीं है इसमें अपने समय का सच छुपा होता है, जिसमें जीत का उल्लास और हार की टीस भी होती है। लेकिन सदियों से यह संसार हमेशा विजेताओं को याद रखते आया है और जीतने वाला ही अंतत: सिकंदर कहलाता है।


कुछ लोग जीतने के लिए केवल इंसान की हिम्मत,लगन और धर्य को सबसे बड़ा गुण मानते हैं तो कुछ इसे किस्मत से भी जोड़कर देखते हैं। कभी - कभी आपका लक अगर आपके साथ न हो तो आप जीती बाजी भी हार जाते है।


बॉलीवुड की बॉक्स ऑफिस पर यूं तो हर शुक्रवार को कई स्टॉर आते है लेकिन हर किसी की किस्मत में सुपरहिट का तमगा नहीं लगा होता। लेकिन मायानगरी में सफलता को सर आंखों पर बिठाने की परंपरा रहीं है और इसे राजेश खन्ना , बॉलीवुड के बिग बी या फिर किंग खान से बेहतर कौन समझ सकता है। लेकिन इन सभी ने शिखर पर बनें रहने के लिए केवल लक पर भरोसा नहीं किया बल्कि समय के साथ अपने कलाकार को निखारते भी रहे।


लक से कमल हसन की पुत्री श्रुति हसन अपनी फिल्मी पारी की शुरुआत कर रहीं है और एक सुपर सितारें की बेटी होने के बाद आपसे उम्मीदें बढ़ जाती है। दरअसल एक स्टॉर पुत्र या पुत्री होने से बॉलीवुड में फिल्म मिल जाना तो आसान हो जाता है और आप इसे अपनी किस्मत मान सकतें है। लेकिन मायानगरी में लंबे समय तक टिके रहने के लिए आपके अंदर एक कलाकार का होना ही काम आता है।


एक जमाना था जब अमिताभ बच्चन शुरुआती असफलताओं से निराश होकर बॉलीवुड को अलविदा कहने का मन बना चुके थे लेकिन जंजीर जिसे कई अभिनेता विभिन्न कारणों से करने से मना कर चुके थे अमिताभ बच्चन के हिस्से आई और उन्होंने ने इस अवसर को पहचाना और अपने अभिनय की पूरी ताकत झोंक दी, और उसके बाद जो हुआ वह एक इतिहास है।


दरअसल यह बॉलीवुड के सुपर स्टार के उदय की बात थी। इसलिए जिंदगी में अवसर सबके पास आते है और जो सही समय पर अवसर को पहचान इसे पकड़ ले जीत उसके कदमों में आ ही जाती है और यहीं किस्मत है और इसी में आदमी कि हिम्मत और जीजिविषा भी छुपी होती है।


सोहम द्वारा बनाई गई लक केवल एक फिल्म भर नहीं है बल्कि लंबे समय से मानव अवचेतन में छिपा हुआ एक ऐसा शब्द है जो इंसान की सोच और उसकी किस्मत को प्रभावित करता रहा है। किस्मत अच्छी या बुरी हो सकती है लेकिन इसे महसूस वहीं करता है जिसकी किस्मत अच्छी या बुरीं हो हम कभी इसे हार तो कभी जीत कहकर पुकारते है।


और सबसे बड़ी बात जीतने वाले भले कुछ हटकर होते है उनका गुड लक हमेशा उनके साथ होता है क्योंकि वो अवसर की पहचान करना जानते है।

टिप्पणियाँ

लक की भूमिका भूमिका तो होती ही है .. पर जीतनेवाले को ही सिकंदर कहा जाता है .. हारनेवालों को तो नहीं .. एक अच्‍छी फिल्‍म के लिए उससे जुडे सभी लोगों को शुभकामनाएं !!